Bhopal News: मध्य प्रदेश की राजधानी Bhopal में एक सड़क दुर्घटना के मामले में एक पत्रकार की गिरफ्तारी के खिलाफ मंगलवार को मीडियाकर्मियों ने पुलिस थाने के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। इस मामले ने राज्य में मीडिया की स्वतंत्रता और पुलिस कार्रवाई को लेकर बहस छेड़ दी है।
दुर्घटना मामले में पत्रकार कुलदीप सिंगोरिया की गिरफ्तारी
पुलिस के अनुसार, 20 मार्च को हुई एक दुर्घटना के संबंध में सोमवार रात राष्ट्रीय हिंदी दैनिक के पूर्व कर्मचारी कुलदीप सिंगोरिया को हिरासत में लिया गया था। हालांकि, दोपहर में सत्र न्यायालय ने उन्हें जमानत दे दी।
पुलिस उपायुक्त संजय अग्रवाल ने इस घटना के बाद कटारा हिल्स थाना प्रभारी कृष्ण गोपाल शुक्ला को लाइन अटैच करने का आदेश दिया। सहायक पुलिस आयुक्त रजनीश कश्यप ने बताया कि चार से पांच दिनों की जांच के बाद सिंगोरिया को गिरफ्तार किया गया था।
एफआईआर में क्या कहा गया?
प्राथमिकी (FIR) के अनुसार, कुलदीप सिंगोरिया और उनके साथियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 281, 296, 115, 351 और 119 के तहत मामला दर्ज किया गया।
शिकायतकर्ता शेख अकील ने आरोप लगाया कि कटारा हिल्स थाना क्षेत्र की विवेकानंद कॉलोनी के पास एक एसयूवी ने उनके दोपहिया वाहन को टक्कर मार दी। इसके अलावा, वाहन में सवार लोगों ने उनके साथ गाली-गलौज और मारपीट की। एफआईआर में यह भी दावा किया गया कि आरोपियों ने अकील की एसयूवी को नुकसान पहुंचाने के लिए 50,000 रुपये की मांग की थी।
मीडियाकर्मियों का विरोध प्रदर्शन
पत्रकारों का दावा है कि सिंगोरिया के खिलाफ पुलिस ने झूठा मामला दर्ज किया है। मंगलवार सुबह कई मीडियाकर्मी कटारा हिल्स पुलिस थाने पहुंचे और गिरफ्तारी के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान राज्य मीडिया सेल के प्रभारी आशीष अग्रवाल भी थाने पहुंचे और विरोध में शामिल हुए।
सरकार ने लिया मामले का संज्ञान
इस बीच, Bhopal के मुख्यमंत्री मोहन यादवने कहा कि उन्होंने मामले की जानकारी ली है और इसकी जांच कराई जाएगी। इस घटना ने मीडिया जगत में पुलिस की भूमिका और पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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