Darbhanga News: मिथिलावादी पार्टी के तत्वावधान में दरभंगा के प्रेक्षागृह, लहेरियासराय में आज संध्या 4 बजे से “मिथिला अधिकार युवा सम्मेलन” का आयोजन होने जा रहा है। मिथिला की सांस्कृतिक और बौद्धिक राजधानी माने जाने वाले दरभंगा में यह सम्मेलन ऐतिहासिक साबित होने की उम्मीद है।
सम्मेलन की तैयारियाँ विधानसभा प्रभारी अभिषेक कुमार झा के नेतृत्व में जोरों पर हैं, जिसमें अर्जुन कुमार, रोहित तिवारी, कृष्ण मोहन झा, रणवीर चौधरी, शिवमोहन, दिलशाद, अर्पिता जी, रचना विभा झा सहित दर्जनों युवा कार्यकर्ता जुटे हुए हैं।
युवाओं की भागीदारी से उठेगी निर्णायक आवाज़
इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य मिथिला क्षेत्र को संवैधानिक अधिकार, विशेष राज्य का दर्जा, रोजगार के समान अवसर, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और सांस्कृतिक पुनरुत्थान जैसे विषयों पर युवाओं की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करना है। मिथिलावादी पार्टी का मानना है कि मिथिला के प्रति दशकों से चली आ रही उपेक्षा अब अस्वीकार्य है।
पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता विद्या भूषण राय ने कहा,
“दरभंगा न केवल मिथिला की सांस्कृतिक राजधानी है, बल्कि यह आंदोलन की धड़कन बन चुकी है। यहाँ से उठने वाली आवाज़ बिहार से लेकर दिल्ली तक गूंजेगी। हमारी तैयारियाँ पूरी हैं और हज़ारों की संख्या में युवा, छात्र, महिला समूह, बुद्धिजीवी और सामाजिक कार्यकर्ता सम्मेलन में भाग लेंगे।”
मिथिला अधिकार युवा सम्मेलन के प्रमुख मुद्दे और विमर्श
सम्मेलन में जिन मुद्दों पर प्रमुखता से चर्चा होगी, वे निम्नलिखित हैं:
मिथिला को विशेष राज्य का दर्जा: संवैधानिक और आर्थिक दृष्टिकोण
दरभंगा एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय दर्जा दिलाने की माँग
कोसी, कमला और बागमती क्षेत्रों में बाढ़ प्रबंधन एवं विकास
मैथिली भाषा की शैक्षणिक अनिवार्यता और शिक्षकों की बहाली
मिथिला की सांस्कृतिक धरोहर और पर्यटन की संभावनाएँ
इस अवसर पर सामाजिक विशेषज्ञ अजीत मिश्रा, डॉ. विनय मिश्रा, राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अविनाश भारद्वाज, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष सागर नवदिया, वीरेंद्र कुमार सहित कई युवा उद्यमी विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे।
सांस्कृतिक रंग में रंगा सम्मेलन स्थल
सम्मेलन स्थल को पारंपरिक मिथिला शिल्प और सजावट से सजाया गया है। दरभंगा विश्वविद्यालय, सीएम साइंस कॉलेज, एमएलएसएम कॉलेज, और ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के छात्रों ने भी सम्मेलन में भागीदारी की पुष्टि की है।
“यह आंदोलन संपूर्ण मिथिला का है”
मिथिलावादी पार्टी ने स्पष्ट किया है कि यह आंदोलन किसी जाति, वर्ग या राजनीतिक दल का नहीं, बल्कि संपूर्ण मिथिला क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक अधिकारों की मांग है। पार्टी को उम्मीद है कि इस सम्मेलन से एक नया नेतृत्व, नई ऊर्जा और जन-जन से जुड़ी मांगें उभरकर सामने आएंगी।
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मीडिया से भी निवेदन है कि वे इस आयोजन को व्यापक रूप से कवर करें और मिथिला के संघर्ष को राष्ट्रीय मंच पर लाने में अपनी भूमिका निभाएँ।