Madhubani: मिथिला क्षेत्र की सांस्कृतिक, शैक्षणिक और सामाजिक चेतना को मजबूती से आगे बढ़ाने वाले संगठन मिथिला स्टूडेंट यूनियन (MSU) ने अपने 10वें स्थापना दिवस को बड़े ही उत्साह, जोश और गरिमा के साथ मनाया। यह आयोजन न केवल संगठन की उपलब्धियों का उत्सव रहा, बल्कि मिथिला आंदोलन को नई दिशा देने का संकल्प भी बना।
देश भर से हज़ारों की संख्या में कार्यकर्ता इस ऐतिहासिक अवसर पर उपस्थित हुए। कार्यक्रम की विशेष बात यह रही कि मिथिला आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले संगठन के वरिष्ठ नेता शशि सिंह राजपूत को उनके अतुलनीय योगदान और नेतृत्व क्षमता के लिए विशेष रूप से सम्मानित किया गया। सम्मान ग्रहण करते हुए शशि सिंह ने कहा,
“मिथिला की अस्मिता की रक्षा और इसके समग्र विकास के लिए जो संघर्ष एमएसयू कर रही है, वह ऐतिहासिक है। यह संगठन अब केवल एक छात्र संगठन नहीं रह गया है, बल्कि यह जन-आंदोलन बन चुका है। आने वाला समय मिथिला का है, और इसके निर्माण में हम सभी की साझा भूमिका है।”
इस भव्य आयोजन में संगठन के कई संस्थापक सदस्य एवं वरिष्ठ पदाधिकारी भी मौजूद रहे, जिनमें अनुप मैथिल, नितीश कर्ण, रौशन मैथिल, कमलेश मैथिल प्रमुख रूप से शामिल थे। साथ ही अंकित आज़ाद, विजय श्री टुना, आनंद, अनीश चौधरी, अरविंद कुमार, कृष्ण मोहन झा, नीरज क्रांतिकारी और उदय नारायण झा जैसे सक्रिय कार्यकर्ताओं ने भी अपने विचार रखते हुए संगठन की यात्रा और भविष्य की रणनीतियों पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष कौशल झा के नेतृत्व में दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों से आए हजारों कार्यकर्ताओं की उपस्थिति ने संगठन की व्यापकता और जनसमर्थन को स्पष्ट रूप से दर्शाया।
इस अवसर पर सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ, विचार गोष्ठियाँ और संगठन की दस वर्षों की प्रेरणादायक यात्रा पर आधारित एक विशेष डॉक्यूमेंट्री भी प्रस्तुत की गई, जिसने सभी उपस्थितों को भावुक कर दिया और गौरव का अनुभव कराया।
दस वर्षों की यह प्रेरक यात्रा यह दर्शाती है कि मिथिला स्टूडेंट यूनियन अब केवल एक संगठन नहीं, बल्कि मिथिला नवजागरण की एक मजबूत पहचान बन चुकी है। यह आंदोलन मिथिला की अस्मिता, भाषा, संस्कृति और हक़ की आवाज़ बनकर उभरा है — और आगे भी यह आंदोलन नई ऊंचाइयाँ छूने को तैयार है।