Mithilaawadi Party Padayatra : मिथिला विकास बोर्ड को लेकर मिथिला वादी पार्टी द्वारा आहूत 50 दिवसीय पद यात्रा को लेकर आज कुशेश्वरस्थान के विभिन्न गांवों में जागरूकता फैलाने का काम किया.यह यात्रा आज असमा, पाड़ों, हिरणी, बड़गांव , हरौली , सतीघाट , मसानखोन , बेरचौक, हरि नगर,औराई, भदहर किशन कुमार झा के नेतृत्व में पहुँची। जहां विभिन्न गांवों में अपार जनसमर्थन देखने को मिला।
वही पद यात्रा के दौरान सभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष अविनाश भारद्वाज ने कहा कि विभिन्न प्रखंडों में जनसमस्याओं का अंबार है, लेकिन यहां की शासन-प्रशासन को कोई परवाह नहीं है, इसलिए हमारे कार्यकर्ता सभी प्रखंड मुख्यालयों पर साप्ताहिक शिविर लगाकर गरीबों की समस्याओं का समाधान करेंगे.मिथिला में वर्षों से बंद पड़े उद्योगों को लेकर उनके पास कोई नीति नहीं है. शिक्षा व्यवस्था उनके माफिया के अधीन है। शिक्षा व्यवस्था चरमरा गयी है. मिथिला के प्रति नियति दोहरी और मिथिला विरोधी है। मिथिला के लोगों का दर्द है कि नीतीश राज में एक भी कारखाना नहीं लगा. जो कुछ था वह भी जर्जर अवस्था में पहुंच गया। मिथिलावासियों का सबसे बड़ा दर्द यह है कि नीतीश कुमार मिथिला से जुड़े किसी भी मुद्दे को समय पर पूरा नहीं होने दे सकते.
मिथिलावादी युवा राजनीति में उभरे हैं. इन युवाओं के कारण ही समाज में समृद्धि, विकास और प्रगति होगी। मिथिला विरोधी सरकार वर्षों से मिथिला के गांवों की समृद्धि छीनने का काम कर रही है.किसानों के राज्य बोर्डिंग, बच्चों के शिक्षा के अधिकार और युवाओं के रोजगार और उद्योगों को नष्ट करने का काम किया गया है। यह सरकार शिक्षा नीति के मामले में पूरी तरह विफल रही है, रोजगार सृजन के लिए सरकार ने कोई कारगर कदम नहीं उठाया है. बिहार सरकार की शिक्षा व्यवस्था चरमरा गयी है, केंद्र और राज्य की शिक्षा नीति युवाओं को अंधकार में धकेलने का प्रयास है, बिहार सरकार मैथिली भाषा को लेकर गंभीर नहीं है बल्कि इसे नष्ट करने की साजिश कर रही है.
वही इस यात्रा में सोनु सिंह, ऋषिकेश कुमार, धीरज राज, विशाल झा, संकेत कुमार, सोनु मंडल, नितिश मंडल, किसन कुमार झा, नंदलाल झा, सुंदर कुमार, सुनील कुमार, रुद्र मोहन चौधरी, संतोष साहू, सोनु साह, विरेन्द्र झा उपस्थित थे