Free Electricity In Bihar: बिहार की नीतीश कुमार सरकार राज्यवासियों को जल्द ही बिजली के क्षेत्र में एक बड़ी राहत दे सकती है। सरकार 100 यूनिट तक मुफ़्त बिजली देने की योजना पर गंभीरता से विचार कर रही है। इस योजना का मक़सद आम जनता को बिजली बिल से राहत देना और चुनावी साल में जनता को राहत पहुंचाना है।
जानकारी के अनुसार बिहार सरकार का ऊर्जा विभाग इस योजना के मसौदे पर काम कर रहा है। इसे जल्द ही कैबिनेट की बैठक में मंज़ूरी के लिए पेश किया जाएगा। अगर सब कुछ योजना के अनुसार हुआ तो अगले कुछ महीनों में यह योजना लागू हो सकती है। माना जा रहा है कि अगस्त या सितंबर 2025 से यह सुविधा लोगों को मिलने लगेगी ।
इस योजना का लाभ केवल घरेलू उपभोक्ताओं को मिलेगा। जिन उपभोक्ताओं की मासिक खपत 100 यूनिट या उससे कम है, उन्हें पूरी बिजली खपत के लिए कोई पैसा नहीं देना होगा। इससे शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों के उपभोक्ताओं को फ़ायदा पहुंचेगा, हालांकि शहरी उपभोक्ताओं को इसका सीधा आर्थिक लाभ ज़्यादा मिलेगा।
ऊर्जा विभाग के अनुमान के मुताबिक़ जिन उपभोक्ताओं की बिजली खपत 100 यूनिट या कम है, उन्हें हर महीने 700 रुपये से अधिक की बचत होगी। इसका मतलब है कि सालाना क़रीब 8,400 रुपए की बचत सीधे सीधे उपभोक्ताओं की जेब में जाएगी। यह योजना विशेष रूप से ग़रीब और मध्यम वर्ग के लिए बेहद राहतदायक हो सकती है।
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विशेषज्ञों का मानना है कि यह योजना आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए तैयार की जा रही है। नीतीश कुमार की सरकार इससे पहले भी सात निश्चय योजना ,स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड, हर घर नल का जल जैसी योजनाओं के ज़रिए वोटर्स को साध चुकी है। अब मुफ़्त बिजली योजना भी उसी दिशा में एक बड़ा क़दम माना जा रहा है ।
अगर यह योजना लागू होती है तो इससे राज्य सरकार पर सालाना हज़ारों करोड़ रुपया का बोझ पड़ सकता है। हालांकि ऊर्जा विभाग के आकलन भी कर रहा है कि इसे कैसे वित्तीय रूप से व्यावहारिक बनाया जाए। सब्सिडी के व्यवस्था केंद्र सरकार से मिलने वाली सहायता और राज्य के अपने राजस्व स्रोतों से की जा सकती है ।
अगर यह योजना सफलतापूर्वक लागू होती है, तो यह बिहार की राजनीति में बड़ा बदलाव ला सकती है। जनता को राहत मिलने के साथ ही विपक्ष के सामने भी सरकार की जन कल्याणकारी छवि को चुनौती देना आसान नहीं होगा। अब सबकी नज़र इस बात पर टिकी है कि योजना को मंज़ूरी कम मिलती है और इससे कब तक लागू किया जाएगा।