Ranchi News: झारखंड प्रदेश राजद महासचिव सह मीडिया प्रभारी कैलाश यादव ने कहा कि भाजपा के मातृ संगठन राष्ट्रीय स्वयं संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने भाजपा के शीर्ष नेताओं को इसकी जानकारी दी. कि 75 वर्ष के बाद राजनीति और पद से संन्यास ले लेना चाहिए और मार्गदर्शक मंडल में शामिल हो जाना चाहिए!
गौरतलब है कि साल 2013-14 में लोकसभा चुनाव के दौरान गोवा में बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में बीजेपी ने अपने पार्टी नेताओं के लिए नियम तय किया था कि देश में प्रधानमंत्री/मंत्री या पार्टी अध्यक्ष की उम्र सीमा 75 साल तक ही सीमित रहेगी. मालूम हो कि 9 जुलाई को उक्त विषय पर एक किताब के विमोचन के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने बीजेपी नेताओं को 75 साल की उम्र में संन्यास लेने की याद दिलाकर एक संदेश दिया है.
राजद महासचिव कैलाश यादव ने कहा कि यह नियम भाजपा आरएसएस का लिटमस टेस्ट है, क्योंकि जब आरएसएस को गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री भाजपा नेता नरेंद्र मोदी को देश का प्रधानमंत्री और चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष घोषित करना पड़ा था. तो 75 वर्ष रिटायरमेंट की बाते तय की गई थी जिस कारण भाजपा के संस्थापक सदस्य और पूर्व गृहमंत्री उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी मुरली मनोहर जोशी यशवंत सिन्हा अरुण शौरी जैसे कई वरिष्ठ नेताओं ने इस नियम के अंतर्गत अपने को राजनीति से बाहर कर लिया और मार्गदर्शन मंडल समूह में शामिल हो गए
कैलाश यादव ने बताया कि संघ प्रमुख मोहन भागवत के 75 वर्ष के संन्यास से स्पष्ट संकेत है कि स्वघोषित मोहन भागवत 11 सितंबर 25 को 75 वर्ष के हो जायेंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी 17 सितंबर 25 को 75 वर्ष के हो जायेंगे. मतलब साफ है कि संघ प्रमुख मोहन भागवत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोनों को 75 साल पूरे होने पर अपने पद से संन्यास ले लेना चाहिए.
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मालूम हो कि अमृतलाल देश की आजादी का 75वां साल मना रहे हैं. उम्मीद है कि 75 साल पूरे होने पर बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दो बड़े नेता मोहन भागवत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के सामने होंगे. वे अपने पद से सेवानिवृत्ति की घोषणा कर एक उदाहरण स्थापित करेंगे, चरित्रवान चेहरा प्रस्तुत करेंगे तथा अग्निपरीक्षा में प्रमाण देंगे।