Nalanda: नालंदा के सांसद कौशलेंद्र कुमार ने लोकसभा में क्षेत्र के बुनकरों और हस्तकरघा कारीगरों की समस्याओं को जोरदार तरीके से उठाया। उन्होंने सरकार से मांग की कि नालंदा के पारंपरिक हस्तकरघा और बाबनबूटी उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
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सांसद कौशलेंद्र कुमार ने सदन में नालंदा के प्रसिद्ध बुनकर पद्मश्री कपिल देव बाबू को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनकी कला और योगदान को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सम्मानित किया, जिससे हस्तकरघा उद्योग से जुड़े कारीगरों को नई प्रेरणा मिली। उन्होंने कहा कि नालंदा का हस्तकरघा उद्योग अपनी अलग पहचान रखता है और यहां के कई गांवों की आजीविका इसी उद्योग पर निर्भर है।
सांसद ने सरकार का ध्यान आकर्षित कराते हुए कहा कि बुनकरों और हस्तकरघा कारीगरों के प्रोत्साहन के लिए सरकार को प्रभावी नीतियां बनानी होंगी। उन्होंने कहा कि नालंदा के अलावा पूर्णिया, नवादा, शेखपुरा और अन्य जिलों में भी इस उद्योग से जुड़े कारीगरों की संख्या अधिक है, इसलिए सरकार को इसे संरक्षित करने की दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए।
इस मुद्दे पर केंद्रीय वस्त्र मंत्री गिरिराज सिंह ने आश्वासन दिया कि नालंदा सांसद की मांग पूरी तरह जायज है और सरकार हस्तकरघा और बाबनबूटी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास करेगी। उन्होंने कहा कि इस दिशा में केंद्र सरकार की ओर से उचित नीतियां बनाई जाएंगी ताकि बुनकरों और कारीगरों को लाभ मिल सके।
सांसद कौशलेंद्र कुमार ने कहा कि वह जमीनी स्तर से जुड़े हुए हैं और जनता की समस्याओं को संसद में उठाना उनकी प्राथमिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि उनकी कोशिश होगी कि सरकार की योजनाएं अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे और हस्तकरघा उद्योग को पुनर्जीवित कर इसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई जाए।
बुनकर समुदाय ने सांसद की इस पहल की सराहना की और उम्मीद जताई कि जल्द ही सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठाएगी, जिससे हस्तकरघा उद्योग को नई ऊर्जा मिलेगी।
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