Muzaffarpur News: विकासशील स्वराज पार्टी (Vikassheel Swaraj Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश निषाद ने सोमवार को मुजफ्फरपुर के माड़ीपुर स्थित एक निजी होटल में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीजेपी और बिहार सरकार पर निषाद समुदाय को धोखा देने का आरोप लगाया. यह प्रेस कॉन्फ्रेंस 10 जुलाई को पटना के बापू सभागार में बीजेपी द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय मछुआरा सम्मेलन के जवाब में आयोजित की गई थी.
मुकेश निषाद ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जयसवाल और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूछा कि क्या वे मछुआरा समुदाय के सच्चे हितैषी हैं. तो मछुआरा सम्मेलन से पहले बिहार के पारंपरिक मछुआरों की सूची सार्वजनिक क्यों नहीं की जा रही है? उन्होंने कहा कि बिहार सरकार जानबूझकर मछुआरा समुदाय की सूची जारी नहीं कर रही है, जो एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा है.
उन्होंने कहा कि मछुआरा समुदाय से जुड़े कई संगठनों में कुशवाहा, कायस्थ और राजपूत समुदाय के लोग निदेशक के पद पर हैं, जिससे पता चलता है कि सरकार के पास मछुआरा समुदाय की स्पष्ट सूची नहीं है.
मुकेश निषाद ने की मांग:
- मल्लाह और निषाद समुदाय को अनुसूचित जाति (एससी) में शामिल किया जाए ताकि उन्हें आरक्षण का लाभ मिल सके. उन्होंने कहा कि यह मांग 2018 से उठ रही है और पांच अन्य राज्यों में भी निषाद समुदाय को अनुसूचित जाति में शामिल कर आरक्षण दिया जा रहा है, लेकिन बिहार में ऐसा नहीं हुआ.
- मछुआरा आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया जाना चाहिए, क्योंकि फिलहाल यह कोई संवैधानिक आयोग नहीं है.
- मल्लाह जाति को 14 वर्गों में बांटने के बजाय एक किया जाना चाहिए ताकि समुदाय संगठित हो सके.
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि गुर्जर आंदोलन के बाद गुर्जर समाज को आरक्षण मिला और किसान आंदोलन के बाद भूमि अधिग्रहण बिल वापस लिया गया. तो फिर निषाद समुदाय की मांगों को क्यों नजरअंदाज किया जा रहा है? मुकेश निषाद ने बीजेपी पर चुनाव नजदीक आते ही निषाद समुदाय को गुमराह करने की कोशिश करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ”बीजेपी और बिहार सरकार को सिर्फ दिखावटी सम्मेलन आयोजित करने के बजाय, निषाद समुदाय के हितों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए.