Government News: अगर आप अपनी बेटी के भविष्य को सुरक्षित और आर्थिक रूप से मज़बूत बनाना चाहते हैं तो आपके लिए एक भारतीय डाक विभाग (पोस्ट ऑफ़िस) की सुकन्या समृद्धि योजना एक बेहतरीन विकल्प हो सकती है। या केंद्र सरकार द्वारा चलायी जा रही एक ख़ास बचत योजना है जो केवल बेटियों के लिए और इसमें निवेश करने पर आपको सुरक्षित रिटर्न के साथ टैक्स छूट भी मिलती है।
इस योजना के अंतर्गत माता पिता या अभिभावक अपनी बेटी के नाम पर खाता खोल सकते हैं, बशर्ते बेटी की उम्र 10 साल से कम हो। अथवा एक परिवार अधिकतम दो बेटियों के लिए यह खाता खोल सकता है। इस योजना में आप हर साल न्यूनतम ₹ 250 से लेकर ₹1.5 लाख रुपये तक निवेश कर सकते हैं। निवेश की अवधि 15 साल की होती है जबकि योजना की परिपक्वता अवधि 21 साल है। अपनी बेटी के 21 वर्ष की आयु पूरी होने पर आपको पूरा पैसा मिल जाएगा।
वर्तमान में (2025 की तीसरी तिमाही तक) इस योजना पर 8.2% सालाना ब्याज दर मिल रही, जो त्रैमासिक आधार पर सरकार द्वारा तय की जाती है। अगर आप इस योजना में ₹ 1.5 लाख रुपये प्रतिवर्ष निवेश करते हैं तो ब्याज समेत परिपक्वता पर लगभग ₹ 70 लाख रुपये की राशि मिल रही है।
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इस योजना की प्रमुख विशेषताएं
सुकन्या समृद्धि योजना विशेष रूप से बेटियों के लिए बनायी गई है और इसमें खाता केवल उन्हीं बच्चियों के नाम पर खोला जा सकता है जिनकी उम्र 10 साल से कम हो। इस योजना के अंतर्गत किए गए निवेश पर आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत टैक्स छूट मिलती है, जिससे करदाताओं को अतिरिक्त लाभ होता है। इसके साथ ही इस योजना में मिलने वाला ब्याज पूरी तरह टैक्स फ़्री होता है। यानी मैच्योरिटी पर मिलने वाली पूरी राशि कर मुक्त होती है। योजना को भारत सरकार के गारंटी प्राप्त है.
जिससे निवेश पूरी तरह सुरक्षित माना जाता है। ज़रूरत पढ़ने पर बेटी की उच्च शिक्षा या विवाह के लिए मैच्योरिटी से पहले आंशिक़ निवासी की सुविधा भी दी जाती है।अंततः जब खाता 21 साल पूरा कर लेता है या बेटी की शादी हो जाती है( कम से कम 18 साल की उम्र में) तब पूरी जमा राशि पर ब्याज सहित निकाली जा सकती है, जो परिवार के लिए बड़ी आर्थिक मदद बनती है।
सुकन्या समृद्धि योजना एक सुरक्षित भरोसेमंद और आकर्षक रिटर्न देने वाली योजना है जो हर माता पिता को अपनी बेटी के बेहतर भविष्य के लिए ज़रूर अपनानी चाहिए। इसमें कम जोखिम से ज़्यादा फ़ायदा मिलता हे और बेटी की पढ़ाई व शादी जैसी बड़ी ज़रूरतों के लिए आर्थिक मदद तैयार होती है।