JLKM supremo Jairam Mahato के साथ खेला हो गया है। दरअसल जयराम के साथ भाषा आंदोलन में शुरू से कंधा से कंधा मिलाकर चले अकील अख्तर उर्फ रिजवान क्रांतिकारी(Rizwan Krantikari) ने JLKM को बड़ा झटका देते हुए JMM का दामन थाम लिया है। इसके साथ ही गांडेय प्रत्याशी अकील अख्तर ने अपना नामांकन वापस लेने की भी घोषणा कर दी है। जिससे गांडेय से JMM उम्मीदवार कल्पना सोरेन का विधानसभा जाने का रास्ता काफी हद तक साफ हो गया है।

CM Hemant Soren ने गुरुवार को रांची में अकील अख्तर को झामुमो की सदस्यता ग्रहण कराया। पार्टी का मुस्लिम चेहरा बन चुके अकील अख्तर ने ऐसे समय पर पार्टी छोड़ जयराम महतो को गांडेय सीट पर चारों खाने चित कर दिया है। दरअसल गांडेय सीट से जेएलकेएम का कोई भी दूसरा उम्मीदवार अब नामांकन नहीं कर सकेगा, क्योंकि नामांकन करने की तिथि समाप्त हो चुकी है। इस खेला के बाद अब गांडेय विधानसभा सीट पर जेएलकेएम का कोई भी उम्मीदवार चुनाव मैदान में नजर नहीं आएगा।
बता दें कि गांडेय विधानसभा सीट से मुस्लिम प्रत्याशी देकर जयराम महतो ने हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी सह गांडेय से जेएमएम प्रत्याशी कल्पना सोरेन को परेशानी में डाल दिया था, लेकिन एन मौके पर झामुमो ने खेला कर जयराम महतो को ही चारों खाने चित्त कर दिया है। झटका दे दिया।
अकील अख्तर के चुनावी मैदान में रहने से भाजपा को भी काफी फायदा हो सकता था। दरअसल, अकील के चुनाव लड़ने से इस सीट पर मुस्लिम वोटो का बिखराव होता। जिससे झामुमो के लिए यह खतरनाक तो वहीं भाजपा के लिए ये फायदेमंद साबित हो सकता था।
ज्ञात हो, कुछ माह पहले अकील अख्तर उस समय चर्चा में आए थे, जब टुंडी में बालू वाहनों से अवैध वसूली का उनपर आरोप लगा था। इसके बाद उन्हें पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा भी देना पड़ा था।
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