Bageshwar Dham Sarkar Padyatra – बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री 21 से 29 नवंबर तक ‘सनातन हिंदू एकता पदयात्रा’ निकालने जा रहे हैं। यह पदयात्रा विशेष धार्मिक और सामाजिक अभियान है, जो बागेश्वर धाम के प्रमुख और प्रसिद्ध संत पुज्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री द्वारा आयोजित किया गया है। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार के साथ-साथ हिंदू समाज में एकता और भाईचारे को बढ़ावा देना है।
बागेश्वर धाम मध्य प्रदेश के छत्तरपुर जिले में स्थित एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, जहाँ भगवान बागेश्वर (भगवान शिव और हनुमान) जी का मंदिर है। इस स्थान से जुड़ी मान्यताओं के अनुसार, यहाँ श्रद्धालु अपने दुखों, कष्टों और समस्याओं का समाधान पाने के लिए आते हैं। पुज्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बागेश्वर धाम के प्रमुख हैं और वे अपनी धार्मिक प्रवचनों, चमत्कारी घटनाओं, और समाज सेवा कार्यों के लिए प्रसिद्ध हैं।
सनातन हिंदू एकता पदयात्रा का उद्देश्य:
- धर्म की एकता और शक्ति का प्रचार: यात्रा का मुख्य उद्देश्य सनातन धर्म के मूल्यों और सिद्धांतों का प्रचार करना है, साथ ही हिंदू समाज को एकजुट करना है।
- समाज में जागरूकता और सौहार्द बढ़ाना: यह यात्रा समाज के विभिन्न वर्गों को जोड़ने और उनमें एकता का भाव विकसित करने का प्रयास करती है। यात्रा के दौरान, कई स्थानों पर धार्मिक कार्यक्रम और संगठनों के साथ संवाद आयोजित किए जाएंगे |
- चमत्कारी कार्यों का प्रचार: बागेश्वर धाम में होने वाली चमत्कारी घटनाएँ और दिव्य अनुभवों को लोगों के बीच साझा कर सकते है, जिससे लोगों को मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति की दिशा में प्रेरणा मिले।
- सनातन धर्म का सम्मान और सुरक्षा: इस यात्रा के माध्यम से सनातन धर्म को दुनिया भर में सम्मान दिलाने और उसकी सुरक्षा के लिए समाज में जागरूकता पैदा की जाएंगी ।
यात्रा की विशेषताएँ:
- धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम: यात्रा के दौरान विभिन्न स्थानों पर धार्मिक कार्यक्रम, भजन-कीर्तन, संकीर्तन, और प्रवचन आयोजित किए जाएगे। इसके माध्यम से लोगों को धर्म के प्रति प्रेरित किया जाएंगा ।
- हिंदू एकता का संदेश: यात्रा का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य हिंदू समाज को एकजुट करना है। यह यात्रा यह संदेश देती है कि सभी हिंदू एकता के साथ समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाए ।
- जनसमूह का सम्मिलन: यात्रा में लाखों की संख्या में लोग शामिल होंगे, जो अपनी श्रद्धा और विश्वास के साथ यात्रा का हिस्सा बनेंगे। यह एक प्रकार की सामाजिक एकता की प्रतीक होगी।
पद्यात्रा का मार्ग:
इस यात्रा का मार्ग कई प्रमुख धार्मिक स्थानों, जैसे मंदिरों, और अन्य ऐतिहासिक स्थलों से होकर गुजरेगी। जानकारी के अनुसार बागेश्वर धाम से रामराजा सरकार की नगरी ओरछा तक जाएगी
सामाजिक और धार्मिक प्रभाव:
- धार्मिक जागरूकता: यात्रा के दौरान लोगों में धार्मिक जागरूकता बढ़ेगी, जिससे समाज में एक नई धार्मिक ऊर्जा का संचार होगा।
- सामाजिक समरसता: यह यात्रा समाज में भेदभाव को कम करने का प्रयास करेगी, और सभी जाति, वर्ग और समुदायों को एक साथ लाकर एकता की भावना को प्रबल करेगी।
- धार्मिक नफरत को खत्म करना: इस यात्रा के माध्यम से यह संदेश दिया जाएगा कि हिंदू धर्म की एकता और अहिंसा के मार्ग पर चलकर सभी के बीच सद्भाव और सौहार्द बढ़ सकते है।
सनातन हिंदू एकता पदयात्रा में प्रमुख संत जन पधार रहे हैं ।
इस यात्रा में मलूक पीठाधीश्वर पूज्य राजेन्द्र दास महाराज, जगतगुरू रामभद्राचार्य महाराज, हनुमानगढ़ी के महंत राजूदास महाराज, इन्द्रेश महाराज, सुदामा कुटी के सुतीक्ष्ण दास, संजीव कृष्ण ठाकुर, अनुरूद्धाचार्य महाराज, जगतगुरू बल्लभाचार्य महाराज, गोरीलाल कुंज के महंत पूज्य किशोर दास महाराज शामिल होंगे। वहीं फिल्म, संगीत सहित अन्य क्षेत्रों से भी लोगों के शामिल होने की सूचनाएं हैं।
निष्कर्ष:
बागेश्वर धाम सरकार सनातन हिंदू एकता पदयात्रा का आयोजन हिंदू धर्म के आदर्शों और संस्कृतियों के प्रसार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि समाजिक दृष्टि से भी एक सकारात्मक प्रभाव डालता है। इसमें शामिल होकर लोग न केवल आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त सकते हैं, बल्कि हिंदू धर्म की एकता और सहयोग की भावना को भी महसूस कर सकते हैं।
Also read: YouTube पर काम करने वालों के लिए आने वाली है मुश्किल, बदल रहे हैं नियम