Scam in Pradhan Mantri Awas Yojana: गरीबों को सिर पर छत देने के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री आवास योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती नजर आ रही है। समस्तीपुर जिले के कल्याणपुर प्रखंड अंतर्गत जितवारिया पंचायत के वार्ड संख्या चार में इस योजना के तहत मिलने वाली सहायता घूसखोरी के दलदल में फंस गई है। प्रशासन की अनदेखी और बिचौलियों की मनमानी के चलते गरीब लाभुकों को उनका हक नहीं मिल रहा है।
भ्रष्टाचार का अड्डा बनी आवास योजना
सरकार द्वारा गरीबों के लिए चलाई गई इस महत्वाकांक्षी योजना का असली उद्देश्य उन्हें पक्के मकान मुहैया कराना था। लेकिन हकीकत यह है कि यह योजना अब भ्रष्टाचार का केंद्र बन गई है। यहां पर गरीबों को उनके अधिकार की राशि मिलने से पहले ही बिचौलियों और भ्रष्ट कर्मियों द्वारा अवैध रूप से वसूली कर ली जाती है।
झोपड़ी की छत तले रहने को मजबूर गरीब
योजना के तहत मिलने वाली सरकारी सहायता राशि का बड़ा हिस्सा घूसखोरी में चला जाता है। नतीजतन, लाभुकों के पास घर बनाने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं बचते। मजबूरी में वे ईंट की दीवारों पर झोपड़ी जैसी छत डालकर रहने को विवश हो जाते हैं। प्रशासन की निष्क्रियता के चलते इन घोटालों में शामिल लोगों पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं होती, जिससे गरीबों के लिए यह योजना एक और परेशानी बन गई है।
आवास सहायक पर खुलेआम रिश्वतखोरी के आरोप
ग्रामीणों ने बताया कि इस भ्रष्टाचार में आवास सहायक विकास कुमार की संलिप्तता है। आरोप है कि लाभुकों का नाम सूची में जोड़ने के एवज में उनसे हजारों रुपये की अवैध वसूली की जा रही है। यही नहीं, जियो-टैगिंग, फाइल पास कराने और राशि जारी करने के नाम पर भी मोटी रकम वसूली जाती है। प्रत्येक लाभार्थी से 1000 से 2000 रुपये तक की घूस ली जा रही है।
प्रशासन की मिलीभगत, कोई कार्रवाई नहीं
ग्रामीणों ने बताया कि इस पूरे भ्रष्टाचार में अधिकारी और बिचौलिए आपस में मिले हुए हैं। हर स्तर पर घूस का खेल जारी है, लेकिन दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं होती। हर साल गरीबों के नाम पर पैसा लूटा जाता है, मगर न तो किसी पर मुकदमा होता है और न ही किसी की नौकरी जाती है। प्रशासन की चुप्पी से ग्रामीणों में भारी आक्रोश है, मगर उनकी सुनवाई करने वाला कोई नहीं है।
सरकार से मांग: जल्द हो सख्त कार्रवाई
ग्रामीणों ने सरकार और प्रशासन से इस घोटाले की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही इस पर रोक नहीं लगाई गई, तो भ्रष्टाचार और अधिक बढ़ता जाएगा। उन्होंने दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि यदि प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया, तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
प्रधानमंत्री आवास योजना का उद्देश्य गरीबों को सिर पर छत देना था, लेकिन यह अब घूसखोरी का अड्डा बन चुकी है। अगर सरकार ने जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो यह भ्रष्टाचार और गहराता जाएगा, जिससे गरीबों की परेशानियां और बढ़ेंगी।
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