नालंदा: गुरुवार को नालंदा जिले में आई तेज आंधी और मूसलधार बारिश ने भारी तबाही मचाई। करीब 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली हवाओं ने जिले के विभिन्न इलाकों में जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया। इस प्राकृतिक आपदा में 22 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि दर्जनों स्थानों पर पेड़ और बिजली के खंभे गिरने से जन-धन की भारी क्षति हुई है।
नालंदा खंडहर में गार्ड की दर्दनाक मौत
नालंदा थाना क्षेत्र स्थित ऐतिहासिक नालंदा खंडहर में एक पुराना पीपल का पेड़ आंधी के कारण जड़ से उखड़ गया और वहां तैनात सुरक्षाकर्मी राकेश कुमार (28) इसकी चपेट में आ गए। घटनास्थल पर ही उनकी मौत हो गई। राकेश, सरिलचक गांव निवासी थे और हाल ही में खंडहर परिसर में तैनात किए गए थे।
मानपुर में मंदिर की दीवार गिरी, 5 की मौत
मानपुर थाना क्षेत्र के नगवां गांव में देवी स्थान के पास एक और बड़ा हादसा हुआ। भारी बारिश से बचने के लिए मंदिर में शरण लिए लोगों पर अचानक एक विशाल पेड़ गिर गया, जिससे एक व्यक्ति की मौत हो गई। इसके बाद तेज हवा के चलते मंदिर की दीवार ढह गई, जिसमें चार अन्य लोगों की जान चली गई। स्थानीय लोगों ने बताया कि घटना के समय लोग पूजा स्थल में बारिश से बचने की कोशिश कर रहे थे।
गिरियक में 10 वर्षीय बालक की मौत
पावापुरी सहायक थाना क्षेत्र के दुर्गापुर खंधा गांव में भीषण हादसा तब हुआ जब 10 वर्षीय अंकित कुमार तेज हवाओं के बीच घर लौट रहा था। उसी दौरान एक ताड़ का पेड़ उसके ऊपर गिर गया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। घायल अवस्था में लोगों ने उसे अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
व्यापक नुकसान: बिजली, सड़क और घरों पर असर
तेज हवाओं और बारिश के कारण कई जगहों पर बिजली के खंभे टूट गए, जिससे बिजली आपूर्ति बाधित हो गई है। सड़कों पर पेड़ गिरने से यातायात ठप हो गया है। अनेक मकानों के छप्पर उड़ गए हैं, जिससे कई परिवार खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हो गए हैं।
बिहार शरीफ के रांची रोड पर जलजमाव से यातायात में भारी परेशानी हुई। वहीं, मौसम की मार के कारण कुंडलपुर महोत्सव के सांस्कृतिक कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया है।
खेती को भारी नुकसान
आंधी-तूफान का सबसे बड़ा असर किसानों पर पड़ा है। खेतों में तैयार खड़ी गेहूं और मूंग की फसलें तेज हवा और बारिश के कारण बर्बाद हो गई हैं। कई जगहों पर फसलें पूरी तरह नष्ट हो गई हैं, जिससे किसानों की सालभर की मेहनत पर पानी फिर गया है।
प्रशासन की ओर से राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है। मृतकों के परिजनों को सहायता राशि देने की घोषणा की गई है। जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे आवश्यक सावधानी बरतें और मौसम विभाग के अलर्ट पर ध्यान दें।
संजीव कुमार बिट्टु की रिपोर्ट