Patna News : 2 मार्च को होने वाले पटना विश्वविद्यालय पूर्व छात्र सम्मेलन समारोह की बैठक पटना साइंस कॉलेज परिसर में आयोजित की गयी. बैठक की अध्यक्षता पटना विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति एवं पटना विश्वविद्यालय पूर्व छात्र संघ के अध्यक्ष प्रो. रास बिहारी प्रसाद सिंह ने की। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के विकास में पूर्व छात्रों की अहम भूमिका है। नैक में ऐसे कार्यक्रमों से विश्वविद्यालय को काफी लाभ मिलता है। उन्होंने कहा कि 2 मार्च को अधिक से अधिक लोग आये और अपने पूर्व मित्रों को भी लेकर आये और आजीवन सदस्य बने. अपने विश्वविद्यालय का गौरव बढ़ाएं।
पटना साइंस कॉलेज के प्राचार्य सह छात्र संघ के पूर्व महासचिव प्रो अतुल आदित्य पांडे ने कहा कि रजिस्ट्रेशन कराने वाले सभी पूर्व छात्रों को रसीद दी जाएगी और आगामी कार्यक्रम के लिए उन्होंने एक कमेटी का गठन कर दिया है और कुछ पूर्व छात्रों को जिम्मेदारी भी सौंपी जाएगी. इस मुलाकात में पटना विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र पद्म भूषण डॉ. जीतेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि हम वर्षों बाद एक जगह मिलेंगे. हमारे पूर्व छात्र न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी फैले हुए हैं और अपने विश्वविद्यालय का परचम लहरा रहे हैं। पटना विश्वविद्यालय सह नालंदा खुला विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो केसी सिन्हा ने अपने संबोधन में कहा कि हमें 2 मार्च के आयोजन को हर मामले में पिछले आयोजन से बेहतर बनाने का प्रयास करना होगा और सेवानिवृत्त शिक्षकों को सम्मानपूर्वक अनुरोध के साथ आमंत्रित करना चाहिए. अगर हम अपने अनुभव, मार्गदर्शन और युवाओं की ऊर्जा को जोड़ दें तो हम पटना विश्वविद्यालय के गौरवशाली इतिहास को वापस लाने में सफल होंगे।
एनआईटी के सेवानिवृत्त शिक्षक और पटना विश्वविद्यालय पूर्व छात्र संघ के स्मारिका के संपादक प्रो. संतोष कुमार ने सभी से पुरानी यादगार तस्वीरें भेजने और मोबाइल फोन का उपयोग कम करने और स्मारिका के लिए लगभग दो पेज का एक लेख लिखने का अनुरोध किया।पूर्व छात्रा भारती एस कुमार ने अपना सुझाव देते हुए कहा कि सांस्कृतिक कार्यक्रम सामयिक एवं संक्षिप्त होना चाहिए. पूर्व छात्र डॉ राजीव रंजन ने सुझाव दिया कि पटना विश्वविद्यालय पूर्व छात्र संघ का एक स्थायी कार्यालय होना चाहिए और यह परंपरा हमेशा जारी रहनी चाहिए.
सम्मेलन में सांस्कृतिक कार्यक्रम की जिम्मेदारी डॉ ध्रुव कुमार को दी गयी है. बैठक में डॉ. किरण, डॉ. वीरेंद्र पासवान, डॉ. रमेश कुमार, डॉ. बबीता, डॉ. हुलेश मांझी, डॉ. अशोक कुमार, डॉ. मनोज प्रभाकर, शोधार्थी चंदन कुमार चंचल, राजन समेत दर्जनों पूर्व छात्र मौजूद थे।