Darbhanga News: बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं. बिहार सरकार जहां विकास को लेकर तरह-तरह के दावे कर रही है, वहीं दरभंगा जिला मुख्यालय से करीब सौ किलोमीटर दूर कुशेश्वरस्थान विधानसभा आज भी विकास की राह देख रहा है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि कई सालों से एक ही परिवार के विधायक चुने जाते रहे हैं लेकिन यहां के हालात में कोई बदलाव नहीं आया है.
दरअसल, कुशेश्वरस्थान विधानसभा क्षेत्र की सीट आरक्षित सीट है. पहले यहां से शशि भूषण हजारी विधायक हुआ करते थे, लेकिन उनके निधन के बाद जेडीयू ने उनके बेटे अमन भूषण हजारी को उपचुनाव में टिकट दिया और जीतने के बाद वह फिलहाल यहां से विधायक हैं. स्थानीय रामेश्वर पासवान कहते हैं कि वर्तमान विधायक से काफी उम्मीदें थीं लेकिन जीतने के बाद वह कभी वापस नहीं आये और न ही हमसे मिलने आये. हम एक बेहतर उम्मीदवार चाहते हैं जो काम कर सके।’ उनका कहना है कि यहां एक ही परिवार के लोग विधायक बनते हैं और जीतने के बाद पीछे नहीं हटते. इस विधानसभा में सबसे बड़ी समस्या सड़क है. यहां पुल-पुलिया की भी समस्या है.
हम वर्तमान विधायक से नाखुश हैं…
यहां के युवाओं का कहना है कि ऐसा उम्मीदवार होना चाहिए जो समाज का विकास करे. जहां नाली की आवश्यकता हो, वहां नाली बनाई जाए; जहां सड़क की समस्या है, वहां सड़क बनायी जाये. नदी पार करने के लिए कई स्थानों पर पुल या पुलिया नहीं है, यह एक समस्या है। हम वर्तमान विधायक अमन भूषण हजारी से नाखुश हैं. उन्हें सिर्फ एक बार यहां आकर नहीं देखना चाहिए कि यहां किस तरह की व्यवस्था है. दरभंगा की कुशेश्वरस्थान विधानसभा सीट उन इलाकों में से एक है, जहां आधे साल बाढ़ का सामना करना पड़ता है. जबकि इस सीट पर ही बाबा कुशेश्वर नाथ का मंदिर है जहां नेपाल तक से श्रद्धालु आते हैं. 2008 के परिसीमन के बाद बनी इस आरक्षित सीट से जनता दल के शशि भूषण हजारी विधायक थे.
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