Darbhanga News: ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में बरसों से चली आ रही है शैक्षणिक और प्रशासनिक अव्यवस्था के ख़िलाफ़ अब छात्र संगठन MSU के नेतृत्व में 30 जुलाई 2025 को एक ऐतिहासिक और निर्णायक छात्र आंदोलन का आयोजन करने वाले हैं । यह आंदोलन विवि मुख्यालय, दरभंगा में सुबह 10 बजे से शुरू होगा जिसमें मिथिला क्षेत्र के सैकड़ों कॉलेजों के हज़ारों छात्र छात्राएं भाग लेंगे।
MSU के विश्वविद्यालय अध्यक्ष अनीश चौधरी और संयोजक अमन सक्सेना ने एक प्रेस कांफ्रेंस कर इस आंदोलन की घोषणा करते हुए कहा कि यह सिर्फ़ विरोध नहीं, बल्कि विश्वविद्यालय में एक नई जवाबदेही और पारदर्शी व्यवस्था की शुरुआत हैं। उन्होंने कहा कि LNMU में परीक्षा परिणामों में अनावश्यक देरी, दाख़िले की अनियमितताएं, छात्र से अवैध वसूली, प्रशासनिक लापरवाही और भ्रष्टाचार अब असहनीय हो गया है। विश्वविद्यालय का शैक्षणिक ढांचा कमजोर पड़ गया है, जिसके कारण छात्रों का भविष्य ख़राब हो रहा है।
प्रेस वार्ता में वक्ताओं ने आरोप लगाया है कि विवि प्रशासन छात्रों से फ़ॉर्म प्रमाण पत्र, पुनर्मूल्यांकन और अन्य सेवाओं के नाम पर अवैध रूप से शुल्क वसूलते हैं, जबकि उन्हें बुनियादी सुविधाएं तक उपलब्ध नहीं है। विश्वविद्यालय की कक्षाएं नियमित नहीं चलती पुस्तकालय और प्रयोगशालाओं के हालात बेहद ख़राब है और छात्रावासों की स्थिति बेहद जर्जर हो चुकी है। यह स्थिति छात्रों के साथ घोर अन्याय है।
प्रेस कॉन्फ़्रेन्स में अन्य छात्र प्रतिनिधियों प्रतिक सत्संगी, आदर्श रॉय, गोपाल कुमार भगत, इन्द्र कुमार राज, पिंटू यादव ,अनीषा कर्ण, संदीप सिंह, रजनीश कुमार, मुकेश कुमार, तुलसी कुमारी और राजेश यादव ने भी आंदोलन के समर्थन में अपनी आवाज़ बुलंद की। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह आंदोलन लोकतांत्रिक, अहिंसात्मक और शांतिपूर्ण रहेगा और यह छात्रों के आत्मसम्मान, अधिकारियों का भविष्य की रक्षा के लिए लड़ा जाएगा।
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छात्र नेताओं ने आम छात्रों, समाज सेवियों, बुद्धिजीवियों, अभिभावकों और आम नागरिकों से इस संघ के साथ खड़े होने की अपील की। उन्होंने विवि प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि छात्रों की माँगो पर सिगरेट और ठोस कार्रवाई नहीं की गई तो आंदोलन और अधिक व्यापक और उग्र रूप ले सकता है। जिसकी पूरी ज़िम्मेदारी विवि प्रशासन की होगी।
आंदोलन की तैयारियों के तहत MSU ने क्षेत्र के सभी कॉलेजों के छात्र प्रतिनिधियों को निर्देशित किया है कि वे अपने अपने क्षेत्रों से छात्रों को लेकर 30 जुलाई की सुबह विवि परिसर में एकत्रित हों। यह आंदोलन सिर्फ़ एक विरोध नहीं बल्कि मिथिला की छात्रा चेतना और बदलाव की नींव बनेगा, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए उदाहरण साबित होगा। MSU का यह प्रयास यह दर्शाता है कि जब छात्र एकजुट होते हैं तो वे व्यवस्था को झुकाने पर मजबूर कर सकते है। ये आंदोलन LNMU के भविष्य को संवारने की दिशा में एक निर्णायक क़दम हो सकता है।