Darbhanga News: बिहार के ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय (LNMU) दरभंगा में छात्र-युवा के इतिहास में एक नया अध्याय लिखा गया। 15 सूत्री मांगों को लेकर मिथिला स्टूडेंट यूनियन (एमएसयू) के नेतृत्व में आयोजित छात्र आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण, अनुशासित, विचारोत्तेजक और निर्णायक था. यह आंदोलन केवल मांगों की एक सूची नहीं थी, बल्कि वर्षों की उपेक्षा और कुशासन के खिलाफ छात्र समुदाय के गुस्से की अभिव्यक्ति थी।
सुबह से ही छात्र विश्वविद्यालय परिसर के विभिन्न गेटों और सड़कों पर जुटने लगे। बहुउद्देशीय भवन से दो कतारों में अनुशासित रैली निकाली गई। जिसमें छात्र-छात्राएं हाथों में झंडा, बैनर और तख्तियाँ लेकर जोरदार नारे लगाते हुए आगे बढ़े — “MSU ज़िंदाबाद!”, “कुलपति जवाब दो!”, “छात्रसंघ चुनाव कराओ!”, “रिजल्ट दो, डिग्री दो!”
रैली जब विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार से होते हुए प्रशासनिक भवन पहुंची, तब तक वहां हजारों की भीड़ जमा हो गयी थी. यह रैली एक विशाल सभा में तब्दील हो गई, जहां एमएसयू के शीर्ष नेताओं और आम छात्र प्रतिनिधियों ने एक के बाद एक अपने विचार रखे.
मुख्य वक्ता और वक्तव्य की मुख्य बातें:
एमएसयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष विधाभूषण राय ने कहा, “हमारा संकल्प छात्रों को न्याय दिलाना है. यह आंदोलन किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ नहीं है, बल्कि शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए है. हम अपने अधिकारों की बात कर रहे हैं और यह अधिकार हमें संविधान ने दिया है.”
मिथिलावादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अविनाश भारद्वाज ने कहा, “मिथिला के युवाओं को आंदोलन से डराने की कोशिश अब नहीं चलेगी. एमएसयू के छात्र शांतिपूर्वक अपने अधिकारों की मांग कर रहे हैं और विश्वविद्यालय प्रशासन को इन मांगों को गंभीरता से लेना चाहिए.”
विश्वविद्यालय के अध्यक्ष अनीश चौधरी ने चेतावनी दी कि “अगर कुलपति 15 दिनों के भीतर छात्र प्रतिनिधियों के साथ संवाद नहीं करते हैं, तो अगला कदम होगा – कुलपति के आवास की अनिश्चितकालीन घेराबंदी।”
एमएसयू की 15 सूत्री मांगें:
- छात्रसंघ चुनाव की तत्काल घोषणा
- स्नातक एवं पीजी सत्र को नियमित करना
- प्रोफेसर, कर्मचारी एवं लाइब्रेरियन की बहाली
- सभी कॉलेजों में पीजी की पढ़ाई की शुरुआत
- कॉलेजों में छात्रावास (हॉस्टल) का निर्माण
- डिस्टेंस मोड (दूरस्थ शिक्षा) को पुनः प्रारंभ करना
- लॉ कॉलेज में सीटों की बढ़ोतरी
- परीक्षा परिणामों में पारदर्शिता एवं समयबद्धता
- ऑनलाइन नामांकन एवं परीक्षा फॉर्म की प्रक्रिया में सुधार
- विकलांग एवं दूरदराज़ के छात्रों के लिए विशेष सुविधा
- पुस्तकालयों को डिजिटल बनाना
- स्पोर्ट्स एवं कल्चरल एक्टिविटीज़ को बढ़ावा देना
- कैंपस में सुरक्षा एवं स्वच्छता की व्यवस्था
- गर्ल्स हॉस्टल में सुविधाओं का विस्तार
- हर कॉलेज में इंटरनेट और स्मार्ट क्लास की सुविधा
प्रदर्शन के दौरान कुछ मांगों पर विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से सकारात्मक संकेत मिले, लेकिन कुलपति की अनुपस्थिति और संवादहीनता से छात्र नाराज हो गये. छात्रों का कहना है कि विरोध प्रदर्शन के दिन विश्वविद्यालय प्रमुख की अनुपस्थिति छात्रों का अपमान है.इस आंदोलन में संगठन के रजनीश प्रियदर्शी , प्रियंका मिश्रा,अर्जुन दास , आदर्श राय,आदर्श मिश्रा, अनीश कर्ण, इंद्र कुमार राज, प्रतीक सत्संगी,पिंटू यादव,सूरज ठाकुर , सोनू मेहता रिमझिम कुमारी, मुस्कान कुमारी, आनंद कुमार, कुंदन भारती,अंकित , विश्वनाथ,किशन,कृष्णमोहन,सुमित,अमित समेत हजारों युवा इस आंदोलन में शामिल हुए।
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