Darbhanga: बिहार में सभी सरकारी नौकरियों में डोमिसाइल (स्थानीय निवास प्रमाण पत्र) लागू करने की मांग को लेकर शनिवार को दरभंगा में प्रशिक्षित बेरोजगार युवाओं ने जोरदार प्रदर्शन किया। कैप्टन इंटरनेशनल स्कूल, कृष्णा पुरी, अल्लपट्टी से लेकर कर्पूरी चौक तक कैंडल मार्च निकालते हुए छात्रों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और जल्द से जल्द सभी भर्तियों में डोमिसाइल नीति लागू करने की मांग रखी।
प्रदर्शनकारियों की मांग:
प्रदर्शनकारी युवाओं का कहना है कि शिक्षक भर्ती परीक्षा, एसटीईटी सहित बिहार की सभी सरकारी भर्तियों में डोमिसाइल अनिवार्य किया जाए। यदि सरकार ने इस मांग को गंभीरता से नहीं लिया, तो लाखों प्रशिक्षित बेरोजगार छात्र सड़कों पर उतर कर लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन करेंगे। साथ ही उन्होंने यह चेतावनी भी दी कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो आगामी विधानसभा चुनावों का बहिष्कार किया जाएगा।
डोमिसाइल की आवश्यकता पर जोर:
छात्रों ने कहा कि डोमिसाइल नीति लागू करना न केवल स्थानीय छात्रों के अधिकारों की रक्षा करेगा, बल्कि बिहार की भाषा, संस्कृति और सामाजिक संरचना को भी सुदृढ़ बनाएगा। प्रदर्शनकारियों ने यह भी तर्क दिया कि RTE 2009, नई शिक्षा नीति 2020 (NEP) और कोठारी आयोग (1964-66) की सिफारिशों के अनुसार अधिकतर राज्यों में डोमिसाइल लागू है, तो बिहार इससे अछूता क्यों है?
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प्रदर्शन का नेतृत्व:
इस आंदोलन का नेतृत्व एमपी यादव ने किया, जबकि सलाहकार की भूमिका में सुचिता चौहान मौजूद रहीं। अन्य प्रमुख छात्र नेताओं में जीवन, कौशल, अभय, गोपाल, प्रियांशु, ऋषि, देव, कुंदन, संतोष सहित कई अभ्यर्थी शामिल रहे।
प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ, लेकिन युवाओं के आक्रोश से यह स्पष्ट है कि यदि सरकार ने डोमिसाइल नीति को लेकर ठोस कदम नहीं उठाया, तो यह मुद्दा आने वाले समय में एक बड़ा जन आंदोलन का रूप ले सकता है।