Ranchi News: झारखंड राज्य फार्मेसी काउंसिल के रजिस्ट्रार और अन्य सदस्यों की चयन प्रक्रिया का मामला अब राजभवन तक पहुंच गया है. ‘झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा’ के वरीय उपाध्यक्ष देवेंद्रनाथ महतो ने अपने सात सदस्यीय शिष्ट मंडली के साथ राज्यपाल से मुलाकात किया।
परिषद के मनोनीत एवं निर्वाचित सदस्यों की चयन प्रक्रिया में हुई धांधली एवं अनियमितताओं की साक्ष्य सहित विस्तृत जानकारी साझा करते हुए महामहिम से निम्नलिखित मांगें की गयीं:
- वर्तमान गैर सरकारी प्रोविजनल रजिस्ट्रार सह सचिव (प्रशांत कुमार पांडे) का कार्यकाल 13 अप्रैल 2025 को समाप्त होने के बाद भी भ्रष्टाचार और अनियमितता में शामिल कई लोग पद पर बने हुए हैं. इसलिए उनके पूरे कार्यकाल के सर्विस रिकॉर्ड की जांच के लिए एसआईटी कमेटी बनाई जाए. (चूँकि उनके कार्यकाल में 500 से अधिक फार्मासिस्ट पंजीकृत हुए हैं, प्रशांत कुमार पांडे जी दो राज्यों बिहार और झारखंड के फार्मासिस्ट काउंसिल से पंजीकृत हैं। जो फार्मेसी अधिनियम 1948 की धारा 32 (2) और 42 का उल्लंघन है।)
- परिषद के मनोनीत अध्यक्ष, सचिव एवं अन्य सदस्यों के चयन के लिए सरकारी पदों पर आसीन झारखंडी मूल फार्मासिस्टों को ही नामांकित किया जाये. ताकि भ्रष्टाचार पर काबू पाया जा सके. (गैर-सरकारी एवं गैर-फार्मासिस्ट विमलेश दुबे एवं गैर-सरकारी धर्मेंद्र सिंह सहित पांच सदस्यों के मनोनयन की प्रक्रिया के बाद से, ये सभी गैर-सरकारी हैं)
- परिषद के पूर्व निर्वाचित सदस्यों की चुनाव प्रक्रिया की जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी से करायी जाये. (चूँकि चुनाव प्रक्रिया में फर्जी पत्राचार का आरोप है।)
- आगामी परिषद के निर्वाचित सदस्यों की चुनाव प्रक्रिया एक स्वतंत्र आयोग द्वारा प्रत्यक्ष एवं पारदर्शी तरीके से करायी जानी चाहिए।
- हमारे राज्य में कई फार्मेसी कॉलेज पीसीआई द्वारा निर्धारित मानक मापदंडों का अनुपालन नहीं करने के बावजूद परिषद के संरक्षण में गलत तरीके से संचालित हो रहे हैं। इसकी जांच होनी चाहिए.
- निर्वाचित सदस्य धर्मेन्द्र सिंह फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया, नई दिल्ली की कार्यकारी समिति के भी सदस्य हैं। जो फर्जी तरीके से कॉलेजों को मान्यता देने के मामले में सीबीआई की एफआईआर में आरोपी हैं.
महामहिम राज्यपाल संतोष गंगवार ने मामले को गंभीरता से लिया और साक्ष्य के आधार पर कार्रवाई करने का सकारात्मक आश्वासन दिया. मीडिया से बातचीत में देवेंद्रनाथ महतो ने कहा कि हमारा संगठन भ्रष्टाचार मुक्त क्षेत्रीय अधिकार और आरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है. आपको बता दें कि इससे पहले देवेन्द्रनाथ महतो ने 17 अप्रैल 2025 को विभागीय अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह से मुलाकात कर विस्तृत जानकारी साझा की थी. वहीं 23 जुलाई 2025 को विभागीय एवं प्रशासनिक जानकारी के लिए परिषद कार्यालय के समक्ष धरना दिया गया था. फिर भी सरकार का उदासीन रवैया अभी भी बरकरार है. जिसकी शिकायत आज रविवार को राजभवन से की गई. महामहिम से मिलने वाले प्रतिष्ठित समूह में देवेन्द्रनाथ महतो, आशीष चौधरी, गुलाम सरवर, विनय कुमार, लकी रामू राज, रवीन्द्र कुमार दीपक एवं पंकज कुमार उपस्थित थे।
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