Darbhanga News: बिहार विधानसभा चुनाव में पहले चरण का मतदान जैसे-जैसे नज़दीक आ रहा है, मुकाबला और भी दिलचस्प होता जा रहा है। एनडीए को हराने के लिए इंडिया गठबंधन ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पोते तुषार गांधी को मैदान में उतारा है।
दरभंगा पहुँचे तुषार गांधी ने पत्रकारों से बातचीत में केंद्र सरकार की तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा कि एसआईआर के ज़रिए केंद्र सरकार पिछले दरवाजे से एनआरसी और सीएए लागू करना चाहती है, जिससे लोगों के मताधिकार पर हमला होगा। तुषार गांधी ने इसे “देश के नागरिकों के मौलिक अधिकारों को छीनने की साजिश” बताया और इसके खिलाफ देशव्यापी जन आंदोलन की माँग की। उन्होंने कहा कि सरकार सिर्फ़ कुछ चुनिंदा लोगों को ही मताधिकार देना चाहती है, जो आज़ाद भारत के इतिहास में अभूतपूर्व है। इस व्यवस्था के खिलाफ व्यापक जनजागरण और आंदोलन ज़रूरी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए तुषार गांधी ने कहा, “बिहार की जनता चुप है, लेकिन बेहद गुस्से में है।” उन्होंने दावा किया कि लोग केंद्र सरकार की नीतियों से नाराज़ हैं और बदलाव चाहते हैं। मोदी-शाह की चुनावी सक्रियता उनके डर और बेचैनी को दर्शाती है, क्योंकि “अगर बिहार हार गए, तो केंद्र सरकार की बैसाखियाँ टूट जाएँगी।”
तेजस्वी यादव के एनडीए के कानूनों को फाड़ने वाले बयान पर तुषार गांधी ने कहा कि संविधान की रक्षा के लिए यह कदम उचित है, क्योंकि “केंद्र सरकार के कई कानून संविधान के उल्लंघन पर आधारित हैं।” उन्होंने कहा कि इस लड़ाई को सिर्फ़ चुनावी मुद्दा नहीं, बल्कि एक जनांदोलन में बदलना होगा।
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तुषार गांधी ने यह भी बताया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी बुधवार को दरभंगा आ रहे हैं, जिससे भारत गठबंधन के अभियान को और बल मिलेगा। उन्होंने कहा कि “वोट अधिकार यात्रा को अभूतपूर्व जनसमर्थन मिला, जो बदलाव का संकेत है।”





















