Darbhanga News: बुधवार को अलीनगर प्रखंड सह अंचल कार्यालय सभा भवन में आयोजित पंचायत समिति की सामान्य बैठक पूर्व निर्धारित समय से देर से शुरू हुई. इसकी शुरुआत शांत माहौल में हुई, लेकिन सवाल उठते ही जन प्रतिनिधि और अधिकारी आमने-सामने आ गये और सदन में हंगामा होने लगा.
बैठक में सबसे पहले मुखिया मनेसुर रहमान एवं कई पंचायत समिति सदस्यों ने आंगनबाडी केन्द्रों में भ्रष्टाचार का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि कोई भी केंद्र मानक के अनुरूप नहीं चल रहा है, बच्चों की संख्या नगण्य है और सेविकाएं अपने रिश्तेदारों के बच्चों की जरूरतें पूरी करती हैं. इस पर सीडीपीओ अंजू कुमारी ने आरोपों से इनकार किया, जिससे नाराज प्रतिनिधियों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया. हालांकि, बाद में अधिकारियों के समझाने पर वह बैठक में लौट आये.
लहटा पंचायत के मुखिया सतीश चंद्र झा ने सीडीपीओ पर आरोप लगाया कि वह जन प्रतिनिधियों का फोन तक नहीं उठाती हैं. उन्होंने कहा कि भवन के अभाव में कई वार्डों में केंद्रों का संचालन प्रभावित हो रहा है. जिसका समाधान किया जाना चाहिए। इसी मुद्दे पर पंसस मोहम्मद शकील और मोहम्मद नौशाद ने भी निजी भवनों में चल रहे केंद्रों को सरकारी भवनों में स्थानांतरित करने की मांग की. बैठक में हरियाठ पंचायत के मुखिया इम्तियाज आलम एवं पंसस मोहम्मद शकील के बीच मनरेगा योजना पर बहस हो गयी.
शकील ने कहा कि मुखिया पंचायत समिति से पारित योजनाओं को दोबारा पारित करा लेते हैं, यह गलत है और मनरेगा योजनाओं की जांच होनी चाहिए. इम्तियाज आलम ने पूरे प्रखंड क्षेत्र की योजनाओं की जांच की मांग की, जिस पर अन्य प्रतिनिधियों ने आपत्ति जतायी. शिक्षा व्यवस्था भी चर्चा का बड़ा मुद्दा रहा. पंसस मोहम्मद शकील ने कहा कि कई शिक्षक उपस्थिति दर्ज करने के बाद ही विद्यालय छोड़ देते हैं, इसकी नियमित जांच होनी चाहिए.
उन्होंने यह भी कहा कि जब तक सरकारी अधिकारी अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में नहीं भेजेंगे, सुधार संभव नहीं है. अगर सरकार शिक्षकों के वेतन पर खर्च होने वाला पैसा अभिभावकों को दे दे तो वे अपने बच्चों को निजी स्कूलों में भेजकर बेहतर शिक्षा दिला सकेंगे. मुखिया सतीश चंद्र झा ने लहटा स्थित उपेन्द्र समाज संस्कृत विद्यालय का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि विद्यालय में प्रतिदिन 250 बच्चों के लिए मध्याह्न भोजन बनाया जा रहा है, जबकि वहां न तो बच्चे हैं और न ही शिक्षक. जांच कर कार्रवाई की मांग की गयी.
प्रेम कुमार यादव ने कुमरौल गांव के प्राथमिक विद्यालय के जर्जर भवन की समस्या उठाई और कहा कि भवन कभी भी धराशाई हो सकता है, इसलिए जल्द नया भवन बनाया जाए। वहीं पंसं पुरुषोत्तम सिंह ने मनरेगा कार्यों के भुगतान में देरी और भेदभाव का आरोप लगाया। पंसं इंदु देवी ने भी कई स्थानीय समस्याएं सदन में रखीं। बैठक की सबसे बड़ी विडम्बना यह रही कि प्रखंड के 11 मुखिया में से मात्र 5 एवं 19 पंचायत समिति सदस्य में से मात्र 7 ही उपस्थित थे, जिसमें मात्र 2 महिलाएं थीं.
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बैठक की अध्यक्षता प्रमुख सविता कुमारी ने की। इस दौरान बीडीओ परमानंद प्रसाद, सीओ कुमार शिवम, एमओ मोनिका कुमारी, सीडीपीओ अंजू कुमारी, बीईओ रामकुमार ठाकुर, सीएचसी प्रभारी डॉ. विमलेश प्रकाश, बिजली विभाग के जेई मदन मोहन दास, पशु चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. उत्तम कुमार समेत कई अधिकारी मौजूद रहे।