Simla Agreement News : जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के पहलगाम के बैसरन में 22 अप्रैल को बड़ा आतंकी हमला हुआ। इस हमले में 28 लोगों की मौत हो गई,जबकि कई लोग घायल हुए । वही मीडिया रिपोर्ट के अनुसार शिमला समझौता रद्द होने की बात की जा रही है। जानकारी के अनुसार 1971 का भारत-पाक युद्ध के बाद भारत के शिमला में 2 जुलाई 1972 में एक संधि पर हस्ताक्षर हुए इसे ही शिमला समझौता कहते हैं।
जिसमें भारत की तरफ से इंदिरा गांधी और पाकिस्तान की तरफ से जुल्फिकार अली भुट्टो शामिल थे, जिसमें पाकिस्तान के 80000 से अधिक सैनिकों ने अपने जनरल नियाजी के नेतृत्व में पाकिस्तानी सेना ने आत्मसमर्पण किया था और तत्काल पूर्वी पाकिस्तान को बांग्लादेश के रूप में पाकिस्तानी शयन से मुक्ति प्राप्त हुई थी।
शिमला समझौता के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच में यह भी तय हुआ कि 17 दिसंबर 1971 मतलब पाकिस्तानी सेनाओं के आत्मसमर्पण के बाद दोनों देशों की सेनाएं जिस स्थिति में थीं, उस रेखा को’ वास्तव में नियंतरण रेखा माना जाएगा। जानकारी के अनुसार कोई इस रेखा का बदलाव या उल्लांघन करने की कोशिश नहीं करेगा। लेकिन पाकिस्तान अपने इस वचन पर भी टीका नहीं रहा और 1999 में कारगिल में पाकिस्तानी सेना ने जनबूझकर घुसपैठ की जिस करण भारत को कारगिल में युद्ध लड़ना पड़ा।
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शिमला समझौता रद्द होने पर भारत पर क्या प्रभाव पड़ सकता है ?
समझौता रद्द होने के बाद भारत अब LOC को सयायी सीमा के रूप में मान्ने की बध्यता को खत्म कर सकता है। अगर समझौता रद्द हुआ तो भारत के पास आतंक घुसपैठ से प्रभावी क्षेत्र की सुरक्षा बढ़ाने का विकल्प रहेगा। और भारतीय सेना को खुली छूट भी मिल जाएगी समझौता रद्द होने के बाद भारत अब अमेरिका, इजराइल और पश्चिम एशियाई सहयोग के प्रभाव का इस्तमाल कर पाकिस्तान को अलग थलग कर सकता है।