Lakhisarai जिला मुंगेर प्रमंडल का एक हिस्सा है।लखीसराय जिला भारत के बिहार राज्य के अड़तीस जिलों में से एक है|
इतिहास
Lakhisarai जजशिप की स्थापना 20 सितंबर 2014 को हुई थी।पाल वंश के स्वर्णिम काल में Lakhisarai एक स्थापित प्रशासनिक और धार्मिक केंद्र था। बुद्ध साहित्य में इस शहर का उल्लेख “अंगुत्री” के रूप में किया गया है, जो इसे एक जिले के रूप में दर्शाता है। मूल रूप से यह मुंगेर जिले से अलग होकर एक नया जिला था। प्राचीन काल में इसे मुंगेर या अंग प्रदेश के नाम से जाना जाता था। पाल शासन के दौरान यह एक अवधि के लिए राजधानी थी।
मशहूर हिस्टोरियन श्री राधा कृष्ण चौधरी के अनुसार, बुद्ध मठ गंगा के दक्षिणी किनारे पर थे। पालबंस का राजा बौद्ध था। इस क्षेत्र पर सातवीं शताब्दी से ग्यारहवीं शताब्दी तक पालबंस के प्रशासक का शासन था। सेन परिवार ने 11वीं शताब्दी में कुछ समय तक शासन किया। आचार्य हवलदार त्रिपाठी ने नालंदा में रखे “मृतिका मुद्रा” के आधार पर इस क्षेत्र का उल्लेख किया है। इसका तात्पर्य है कि कृमिला और कैवल ग्राम महत्वपूर्ण थे।
मोहम्मद बिन बख्तियार ने 11वीं शताब्दी में इस क्षेत्र पर आक्रमण किया था। 15वीं शताब्दी में शेरशाह सूरी ने इस क्षेत्र पर शासन किया था। सूरजगढ़ा ने 1534 में शेरशाह सूरी और मुगल सम्राट हुमायूं के बीच हुए महान युद्ध को देखा था।
ज्योग्राफी
Lakhisarai जिले का क्षेत्रफल लगभग 129397 हेक्टेयर है, भौगोलिक दृष्टि से यह 25o से 25o 20’ उत्तरी अक्षांश और 85o 55’ से 86o 25’ पूर्वी देशांतर के बीच स्थित है|
जलवायु
Lakhisarai जिले की जलवायु कुछ हद तक चरम प्रकृति की है, यानी गर्मियों में काफी गर्म और सर्दियों में काफी ठंडी। जनवरी सबसे ठंडा महीना होता है जब औसत न्यूनतम तापमान लगभग 4oC तक गिर जाता है। मार्च से तापमान बढ़ना शुरू हो जाता है और मई में अपने चरम पर पहुँच जाता है जब पारा लगभग 45oC को छू जाता है। जून के मध्य में कभी-कभी बारिश शुरू होती है और सितंबर के मध्य तक चलती है। जून से सितंबर तक जिले में पूर्वी हवाएँ चलती हैं और अक्टूबर से मई तक हवा की दिशा बदल जाती है। अधिकतम बारिश जुलाई और अगस्त (289 मिमी) के महीनों में होती है। कभी-कभी सर्दियों की बारिश जनवरी-फरवरी में होती है।
Lakhisarai जिले में घूमने लायक जगहें
1 अशोक धाम मंदिर
2 जगदम्बा मंदिर बरहिया
3 शहीद द्वार लखीसराय
4 क्रिमिला पार्क
5 श्रृंगी ऋषि आश्रम