Maiya Samman Yojana : हाल में विधानसभा चुनाव सम्पन्न हुआ है,चुनाव में मईया सम्मान योजना बनाम गोगो दीदी योजना (Maiya Samman Yojana was introduced to empower women) सभी राजनेताओं के मुख से उच्चारण सुनने को मिला होगा।सत्ता और विपक्ष एक दूसरे पर योजनाओं को लेकर दोषारोपण करते हुए भी दिखाई दिए थे।लेकिन सूबे की महिलाओं ने मईया सम्मान योजना पर ज्यादा विश्वास जताते हुए दोबारा हेमंत सोरेन को सीएम की कुर्सी पर बैठा दी है। वास्तविक सूरतेहाल यह है कि आज मईया सम्मान योजना का फॉर्म भरने के लिए महिलाएं आज भी अंचल कार्यालय में जुट रही है। फॉर्म भर के जमा करती हुई दिखाई दे रही हैं ।आलम यह है कि एक-एक अंचल कार्यालय में सैकड़ो की तादाद में जुटी महिलाएं कतारबद्ध तरीके से खड़ी दिखाई दे रही हैं। जब हमारे टीम हेहल अंचल कार्यालय पहुंची तो महिलाओं की बड़ी कतार देखने को मिली। सभी महिलाएं अपने हाथ में मैया सम्मान योजना का फॉर्म लिए दिखी।
बातचीत के क्रम में ये महिलाएं हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन को न सिर्फ बधाई देते दिखी बल्कि इस योजना को आने से खुद को समाज में सर उठा कर मान सम्मान के साथ खड़ा होने का जरिया भी बता डाली।हालांकि कुछ ऐसी भी महिलाएं दिखी जो इस योजना को ठेंगा दिखाने के प्रयास कर रहे अधिकारियों की कलई भी खोलते दिखी।एक तरफ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन महिलाओं की चिंता करते हुए इस योजना को धरातल पर उतार कर दिन रात अधिकारियों को निर्देशित करते दिख रहे हैं वहीं दूसरी तरफ कुछ दफ्तर में बैठे बाबू लोग इस योजना को धत्ता बताने में जुटे हैं लिहाजा कुछ महिलाएं 3 ,3 बार फॉर्म जमा करने के बावजूद उन्हें योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
वही झामुमो प्रवक्ता मनोज पांडे ने सीधे तौर पर ऐसे अधिकारियों को चिन्हित कर के ठोस कारवाई भी करने की बात कह रहे है। उन्होंने कहा कि राज्य की महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दिन रात एक कर के काम कर रहे हैं।ये महिलाओं को सशक्त करने के लिए मईया सम्मान योजना लाई गई है।
वहीं लगातार दूसरी बार सत्ता से दूर रहने वाली मुख्य विरोधी पार्टी के भाजपा प्रवक्ता अशोक बड़ाइक का कहना है कि अभी चुनाव में ये योजना लाई गई है।आगे आने वाले समय में ये योजना का क्या हस्र होगा ये तो समय बताएगा।
मईया सम्मान योजना भले ही चुनावी मुद्दा बनाकर राजनीतिक दल दोषारोपण किए किन्तु जिस भी महिला को इस योजना का लाभ मिल रहा है आज वो घर में खुद को न बल्कि सशक्त बनी है बल्कि रोज मर्रा के जीवन में होने वाले खर्च में अपनी भूमिका भी परिवार के भरण पोषण में अदा कर रही है।
Also Read : Motihari में अंधविश्वास के कारण 12 वर्ष के बच्चे की मौत