Bihar News : बिहार के नवादा जिले से एक बडी खबर आ रही है। नवादा जिले के वारिसलीगंज थाना क्षेत्र के नारोमुरार गांव के आर्मी जवान चंदन कुमार(army jawan chandan kumar) ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। वे कश्मीर के पुंछ में आतंकी (Poonch Terrorist Attack) हमले में शहीद हो गए। यह खबर मिलते ही पूरे जिले में शोक की लहर दौड़ गई। नारोमुरार गांव में मातमी सन्नाटा पसरा है। हालांकि लोगों को अपने गांव के बेटे की शहादत पर गर्व है।
कश्मीर के पुंछ में वीरगति को प्राप्त हुए
वीरगति को प्राप्त चंदन नारोमुरार ग्रामीण मौलेष्वर सिंह व जयंती देवी की संतानों में दूसरे नंबर पर थे। पिता गांव में बटाई पर खेती-किसानी का काम करते हैं। बडे भाई पीयूष कुमार प्राइवेट शिक्षक हैं। वहीं छोटा भाई अभिनंदन कुमार गांव में ही किराना की दुकान चलाते हैं। पूरा परिवार करकट व मिट्टी की मकान में रहते हैं। बड़ी बहन नंदनी कुमारी की शादी हो गई है।
बडा भाई पीयूष बताते हैं कि चंदन को देष सेवा का जुनून था। हमेषा घर में कहा करता था कि बडा होकर देष की सेवा करेंगे। देष के दुष्मनों से लोहा लेंगे। खासकर कष्मीर में पोस्टिंग को वह काफी उत्साहित थे। उन्होंने बताया कि गुरूवार की देर रात फोन आया कि भाई आतंकी हमले में शहीद हो गया।
महाराष्ट्र के अहमदनगर में हुई थी ज्वाईनिंग
पीयूष बताते हैं कि 2017 में महाराष्ट्र के अहमदनगर में चंदन ने सेवा में योगदान दिया था। फिर 2018 में पठानकोट चले गए थे। उसके बाद जम्मू कश्मीर में ड्यूटी मिली। जिसे लेकर खासे उत्साहित थे। हर वक्त यही कहते थे कि देष के दुष्मनों का छक्का छुडाना है।
करीब एक महीने की छुट्टी के बाद लौटे थे
पीयूष ने बताया कि चंदन अक्टूबर महीने में छुट्टी पर घर आए थे। करीब एक महीना उन्होंने पूरे परिवार के साथ समय बिताया। 12 नवंबर 2023 को नवादा से ड्यूटी के लिए रवाना हो गए थे।
पिछले साल हुई थी शादी
पीयूष कहते हैं कि सेना में चंदन के भर्ती होने के बाद परिवार में काफी खुषी थी। पिछले साल हिंदू रीति रिवाज के साथ काफी धूमधाम से शादी हुई थी। अभी दस दिन पहले उसकी पत्नी षिल्पी कुमारी अपने मायके लखीसराय गई है।
भाई के जुनून में पूरे परिवार ने दिया साथ
बडे भाई पीयूष बताते हैं कि पूरा परिवार चंदन के जुनून के साथ था। सभी लोगों ने मिलकर उसे पढने में सहयोग किया। पिता मुंबई में काम कर पैसा भेजा करते थे। फिर गठिया रोग का षिकार होने पर गांव लौट कर दूसरे के खेतों में किसानी का काम करने लगे। लेकिन चंदन के साथ पूरा परिवार खडा रहा। आज उसने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है तो सीना गर्व से चैडा हो गया है।
गांव में पसरा मातमी सन्नाटा
चंदन की शहादत की खबर मिलते ही नारोमुरार गांव में मातमी सन्नाटा पसर गया। उसके दोस्त अंकित ने बताया कि चंदन पर बचपन से ही देष सेवा का जुनून सवार था। बगल के मैदान में तैयारी किया करता था। सेना में भर्ती होने के बाद अपनी नौकरी को खूब इंज्वाय कर रहा था। आज उसकी शहादत से पूरे गांव को गर्व है।