Bar Council Of India (BCI) ने ड्राफ्ट एडवोकेट्स (संशोधन) विधेयक, 2025 पर गंभीर आपत्तियां दर्ज कराई हैं, जिसे 13 फरवरी को जनता की राय जानने के लिए जारी किया गया था। Bar Council Of India (BCI) ने विधेयक में शामिल कई प्रावधानों को लेकर गहरी चिंता जताई है, जिनके लागू होने पर यह कानूनी पेशे की स्वायत्तता और बीसीआई की स्वतंत्रता को प्रभावित कर सकते हैं। परिषद का मानना है कि ये प्रावधान बार की अखंडता को कमजोर कर सकते हैं।
Bar Council Of India (BCI) ने यह भी बताया कि कानून सचिव और मुख्य लेखा नियंत्रक के साथ दो दौर की वार्ताओं में कई प्रमुख मुद्दों पर सहमति बनी थी। हालांकि, परिषद का आरोप है कि इसके बावजूद उनकी राय को दरकिनार कर एकतरफा तरीके से मसौदे में संशोधन किए गए हैं। Bar Council Of India (BCI) ने मसौदे में किए गए बदलावों को “चौंकाने वाला” करार देते हुए कहा कि कुछ अधिकारियों और कानून मंत्रालय द्वारा मसौदे में महत्वपूर्ण संशोधन कर दिए गए हैं। परिषद ने आरोप लगाया कि यह कदम बार की स्वायत्तता और स्वतंत्रता को कमजोर करने की दिशा में उठाया गया है। इस निर्णय के खिलाफ वकील समुदाय में असंतोष की लहर फैल गई है। दिल्ली की जिला अदालतों के वकील पहले ही हड़ताल पर जा चुके हैं और यदि मंत्रालय द्वारा संतोषजनक आश्वासन नहीं दिया गया, तो यह विरोध जल्द ही राष्ट्रव्यापी रूप ले सकता है।