Saran News : सारण जिले के पकड़ी महम्मद गाँव के निवासी Nityanand Dwivedi बढ चढ़ कर रहे हैं मशरूम की खेती, इसके चलते इस बार सर्दियों तक मशरूम का उत्पादन 500 से 600 क्विंटल प्रतिमाह तक होने की संभावना है। जबकि गत वर्षों में इसका उत्पादन 250 से 350 क्विंटल तक प्रतिमाह ही रहा है। अच्छा भाव रहने के चलते मशरूम की खेती फायदेमंद साबित हो रही है। वही इसकी जानकारी प्रशांत द्विवेदी ने दी।
प्रशांत द्विवेदी (Prashant Dwivedi) ने कहना है कि मशरूम कि खेती ये हमारे घर पर तिसरी बार किया गया है,हमारे पापा और माँ दोनों जन मिल कर करते हैं देख रेख ,खास तौर पर इसे ठंडी जगह पर ही किया जाता है मशरूम की खेती।
ऐसे मे आस पास के लोग भी काभी सराहना कर रहे हैं और खरीद भी रहे हैं, ठंड का मौसम देखते हुए ज्यादा से ज्यादा लोग खाने में रूचि ले रहे हैं, अपने अपने घर ले जाकर सभी परिवार के साथ बनवा कर खा रहे हैं। कम लागत में शुरू होने वाली मशरूम की खेती किसानों के लिए स्वरोजगार का अच्छा साधन बन रही है। जनपद में पूरे वर्ष मशरूम की खेती होती है। इसके चलते किसानों में मशरूम की खेती के प्रति रुझान तेजी से बढ़ रहा है। किसानों की आमदनी को बढ़ाने के लिए बिहार सरकार भी मशरूम की खेती को बढ़ावा दे रही है. कम लागत और कम जगह में मशरूम की खेती से बढ़िया मुनाफा कमाया जा सकता है।
भारत एक कृषि प्रधान देश है, यहां एक बड़ा वर्ग खेती किसानी पर निर्भर है. इसके साथ ही आज के दौर में कई युवा अच्छी जॉब छोड़कर खेती-किसानी में अपना जीवन यापन कर रहे हैं. किसानों को आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिए सरकार की तरफ से कई योजनाएं चलाई जा रही हैं.
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