Mithilawadi Party News : मिथिला पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अविनाश भारद्वाज की अध्यक्षता में मिथिला की प्रसिद्ध बाबा नगरी कुशेश्वरस्थान से 50 दिवसीय पद यात्रा शुरू हुई.कुशेश्वरस्थान में किशन कुमार झा के नेतृत्व में यात्रियों ने बाबा कुशेश्वरनाथ की पूजा-अर्चना की और यात्रा की सफलता के लिए बाबा से प्रार्थना की. मंदिर के पुजारी द्वारा उन्हें अंगवस्त्र देकर आशीर्वाद दिया गया।
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अविनाश भारद्वाज ने कहा कि: कुशेश्वरस्थान की धरती अत्यंत गौरवशाली धरती है. देवाधिदेव महादेव की भूमि को इस सरकार ने अपने मिथिला विरोधी एजेंडे के कारण अभिशप्त कर दिया है. यहां के लोग 06-08 माह तक बाढ़ के कारण एक-एक दाने के लिए परेशान रहते हैं।साल भर की मेहनत और कमाई हुई पूंजी बाढ़ की भेंट चढ़ जाती है. पक्षी अभयारण्य की हालत खराब हो गई है, यहां कोई रेल नेटवर्क और सड़क बुनियादी ढांचा नहीं है। यह बिहार के पिछड़े इलाकों में से एक है.यहां न उच्च शिक्षा की व्यवस्था है, न उद्योग की संभावना. सरकार की मिथिला विरोधी नीति के कारण इस तरह की अराजकता व्याप्त है. इसलिए हम सरकार से मिथिला क्षेत्र के लिए ‘मिथिला विकास बोर्ड’ के गठन की मांग कर रहे हैं ताकि 2 लाख करोड़ रुपये के अलग और विशेष फंड से मिथिला का कायाकल्प किया जा सके.
कुशेश्वरस्थान में अपराध चरम पर है. प्रशासन सरकार की चरण वंदना में लीन है. हत्या और बलात्कार बढ़ गये हैं. प्रशासन से अनुरोध है कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए. 6 साल की बच्ची के साथ क्रूर बलात्कार की घटना बेहद दुखद है।राष्ट्रीय महासचिव श्री वीरेंद्र कुमार ने आक्रामक तरीके से सरकार के खिलाफ हल्ला बोला और कहा कि यह क्षेत्र हमेशा एनडीए को पूर्ण बहुमत देता रहा है लेकिन मगध में बैठे शासक ने इस क्षेत्र को सस्ते मजदूरों का क्षेत्र बना दिया है.वे यहां के लोगों की सुविधाओं, शिक्षा, उद्योग और स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दे रहे हैं. यहां के लोग पिछड़ेपन की जिंदगी जीने को मजबूर हो रहे हैं. इस यात्रा के माध्यम से हम मिथिला की जनता को सचेत और जागरूक करेंगे और निकम्मी मिथिला विरोधी सरकार को बदलने के लिए एक मजबूत आवाज उठाएंगे।
राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष सागर नवदिया और जिला अध्यक्ष अमित कुमार ठाकुर ने कहा कि यह मिथिला विकास बोर्ड (एमडीबी) क्षेत्र के 20 पिछड़े जिलों की जरूरत और अधिकार है. देश के सबसे पिछड़े जिलों की सूची में अररिया, कटिहार, पूर्णिया, बांका, जमुई, बेगुसराय, शिवहर, खगड़िया, सुपौल, किशनगंज आदि का नाम सबसे ऊपर आता है।एक सामान्य मैथिल सालाना अन्यत्र औसत भारतीय का एक-तिहाई कमाता है, लेकिन प्रति व्यक्ति आय के मामले में, एक मैथिल औसत मराठी का एक-चौथाई, एक गुजराती का पांचवां हिस्सा, एक दिल्लीवासी का दसवां हिस्सा, एक केरलवासी का एक-छठा हिस्सा कमाता है। मिथिला क्षेत्र के जिलों की प्रति व्यक्ति जीडीपी पूर्वोत्तर राज्यों के औसत से लगभग आधी है।
इस पदयात्रा में रणधीर कुमार, मनीष कुमार, चंदन कुमार, नंदलाल झा, कौशल झा, संतोष साहू, नीरज क्रांतिकारी, नवीन सहनी, शिवम प्रणव, गौतम चौधरी, सुमित मौबेहटिया, किसन कुमार, रूद्र मोहन चौधरी, सोनू मंडल, सुंदर कुमार, नीतीश मंडल एवं सैकड़ों साथी मौजूद थे.