Ranchi scam news : राजधानी रांची में 25 करोड़ रुपये की अवैध निकासी के मामले में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने प्रारंभिक तौर पर तीन इंजीनियरों को दोषी पाया है. विभाग में यह गलत परंपरा शुरू हो गयी है कि दोषी पाये गये लोगों को निलंबित करने के बजाय विभागीय कार्यवाही शुरू करने का आदेश दिया गया है. मामला सुवर्णरेखा शीर्ष कार्य प्रमंडल से जुड़ा है. टीवी 45 ने इस मामले को काफी प्रमुखता से दिखाया था. 25 करोड़ रुपये की अवैध निकासी मामले को भी ईडी ने अपने कब्जे में ले लिया है. इसे लेकर ईडी ने छापेमारी भी की थी.इस मामले में सरकार की ओर से वित्त विभाग से जांच भी करायी गयी थी. सुवर्णरेखा शीर्ष कार्य प्रमंडल के वर्तमान कार्यपालक अभियंता चन्द्रशेखर पर डीडीओ कोड RNCWSS001, RNCWSS017 से निकासी का उल्लेख नहीं करने का आरोप लगाया गया है.
कोषागार में प्रविष्टियां भी ठीक से नहीं दिखाई गईं। इनके खिलाफ आरोप पत्र भी तैयार कर लिया गया है. वहीं, दो पूर्व कार्यपालक अभियंता प्रभात कुमार सिंह और राधेश्याम रवि को भी कैशबुक में सही तरीके से प्रविष्टि नहीं करने और चेक नंबर व एचआर जेनरेशन में अंतर के मामले में दोषी पाया गया.आपको बता दें कि इस मामले में तथाकथित कैशियर संतोष कुमार बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में सजा काट रहा है.
उनके आवेदन पर डीडीओ कोड के दुरुपयोग की विभाग स्तर पर जांच शुरू की गयी. इसके बाद सरकार ने सभी संबंधित कार्यपालक अभियंताओं के हस्ताक्षर की फोरेंसिक जांच भी करायी. फिर वित्त विभाग से भी जांच करायी गयी. कार्रवाई के लिए फाइल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पास भी भेजी गयी थी. जिसमें निलंबन के साथ ही विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की गई। लेकिन तत्कालीन विभागीय सचिव राजेश शर्मा ने निलंबन व प्राथमिकी दर्ज करने की बात को अमान्य कर दिया.
Deepak Kumar | Ranchi