Madhubani: भारत-नेपाल सीमा पर तैनात 48वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी), जयनगर के जवानों ने एक महत्वपूर्ण ऑपरेशन के तहत 14 वर्षीय नाबालिक लड़की को मानव तस्करों के चंगुल से बचाया। यह कार्रवाई 18 मार्च 2025 को सीमांत चौकी कमला के चेकपोस्ट, बलडीहा में की गई, जहां दो संदिग्ध युवकों को गिरफ्तार किया गया, जो लड़की को नेपाल ले जाने की फिराक में थे।
गिरफ्तार आरोपी और तस्करी की योजना
गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की पहचान साहिल और उसके सहयोगी दानिश के रूप में हुई है। प्रारंभिक पूछताछ में यह सामने आया कि साहिल ने लड़की को धोखे में रखकर उसे नेपाल ले जाने की योजना बनाई थी। उसने अपनी असली पहचान छिपाकर “रंजेश” नाम से लड़की से संपर्क किया और उसे झूठे प्रलोभन देकर नेपाल चलने के लिए राजी किया।
एसएसबी जवानों की सतर्कता और कार्रवाई
चेकपोस्ट पर एसएसबी जवानों को लड़कों और लड़की की गतिविधियों पर संदेह हुआ, जिसके बाद उनसे विस्तृत पूछताछ की गई। पूछताछ के दौरान, लड़की द्वारा बताए गए तथ्यों और लड़कों के परस्पर विरोधी बयानों से मामला संदिग्ध प्रतीत हुआ। इसके बाद महिला मंच एनजीओ की प्रतिनिधि दीपशिखा की उपस्थिति में लड़की से विस्तृत पूछताछ की गई, जिसमें सच्चाई सामने आई।
पुलिस को सौंपे गए आरोपी
इस पूरे मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए एसएसबी जवानों ने लड़की को सुरक्षित बचा लिया और दोनों आरोपियों को जयनगर पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर आगे की कानूनी कार्यवाही शुरू कर दी है।
कमांडेंट ने जवानों की सराहना की
इस सफल ऑपरेशन पर 48वीं वाहिनी एसएसबी, जयनगर के उप कमांडेंट (प्रचालन) संतोष कुमार निमोरिया ने जवानों को बधाई दी और भविष्य में भी इसी प्रकार की सतर्कता बरतने के निर्देश दिए। वहीं, कमांडेंट गोविंद सिंह भंडारी ने कहा कि यह घटना मानव तस्करी के खतरे को उजागर करती है और एसएसबी जवानों की तत्परता का प्रमाण है।
उन्होंने आगे कहा, “हमारी सीमा सुरक्षा बल हमेशा देश और समाज की सुरक्षा के लिए तत्पर है। इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए हमारी गश्त और निगरानी को और मजबूत किया जाएगा। अपराधियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी, ताकि भविष्य में कोई भी इस तरह की हरकत करने से पहले सौ बार सोचे।”
सुमित कुमार राउत