Darbhanga News : मिथिला विकास बोर्ड की मांग को लेकर आज 12वें दिन मिथिलावादी पार्टी की पदयात्रा बहेरी पहुंची. जिसका नेतृत्व अभिषेक यादव एवं कृष्ण मोहन झा ने किया. यात्रा बिजुलिया, कोयला, अमता, शिवराम, उज्जैना होते हुए सिरुआ पहुंची। पद यात्रा के दौरान सभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अविनाश भारद्वाज ने कहा कि: मिथिला स्टूडेंट यूनियन 2018 से लगातार मिथिला विकास बोर्ड की मांग कर रही है. इसको लेकर 05 अगस्त को दिल्ली, 02 अक्टूबर को मिथिला बंद, 02 दिसंबर को राज मैदान में विशाल रैली समेत हर प्रखंड व जिला मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया गया. जिसके बाद 2019 के लोकसभा में सभी के आंदोलन के बाद सिद्दीकी जी ने इस मांग को घोषणा पत्र में दर्ज कराया था. वहीं सांसद गोपाल जी ठाकुर ने भी जीतने के बाद इस मांग को उठाने की बात कही थी, लेकिन सरकार के सौतेले व्यवहार के कारण आज भी यह मांग जनता के बीच नहीं है. ये सभी वाक्य एवं कथन मात्र भ्रम, दिखावा एवं झूठ हैं। सरकार मिथिला विरोधी है, उसने यहां के आम लोगों को लगातार धोखा दिया है।
अलग विकास बोर्ड किसी क्षेत्र विशेष के लिए बनाई गई एक संवैधानिक व्यवस्था है जो किसी राज्य के अंतर्गत आने के बावजूद उस क्षेत्र विशेष के विकास कार्यों से जुड़ी परियोजनाएं बना सकता है और उन पर काम कर सकता है। जैसे गुजरात में गुजरात-महाराष्ट्र, विदर्भ-मराठवाड़ा और शेष महाराष्ट्र, कच्छ-सौराष्ट्र और शेष गुजरात में तीन-तीन अलग-अलग विकास बोर्ड हैं। ये सभी विकास बोर्ड राज्य के प्रशासन में हस्तक्षेप किए बिना उस क्षेत्र के विकास से संबंधित कार्य करते हैं। अगर मिथिला में विकास बोर्ड बनता है तो वह क्षेत्र के कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, औद्योगिक विकास, बुनियादी ढांचे के विकास, भाषा-कला-संस्कृति-पर्यटन संबंधी परियोजनाएं, बाढ़-सूखा-आपदा संबंधी परियोजनाएं, सामाजिक सुधार जैसे विषयों पर काम कर सकता है.
यह ‘मिथिला विकास बोर्ड (एमडीबी)’ क्षेत्र के 20 पिछड़े जिलों की जरूरत और वैध अधिकार है।
इस मौके पर मिथिलावादी पार्टी के नेता गोपाल चौधरी, विद्या भूषण राय, जिला अध्यक्ष अमित कुमार ठाकुर, श्याम यादव, मुकेश मंडल, विक्रम पासवान, कृष्ण मोहन झा, आशीष, अंकित, प्रवीण, मिथिलेश, झुना, राकेश मंडल, प्रभात, गोपाल झा, नीरज क्रांतिकारी आदि मौजूद थे.