Patna University Students Union Election: पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ (PUSU) चुनाव की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। 29 मार्च को सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक मतदान होगा। विश्वविद्यालय प्रशासन ने चुनाव को शांतिपूर्ण और निष्पक्ष रूप से संपन्न कराने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। विश्वविद्यालय कैंपस और मतदान केंद्रों पर भारी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती की गई है।
42 बूथों पर होगा मतदान
इस बार छात्रसंघ चुनाव के लिए कुल 42 बूथ बनाए गए हैं। सबसे अधिक 9 बूथ पटना वीमेंस कॉलेज में स्थापित किए गए हैं, जहां सबसे अधिक 4461 छात्राएं मतदाता हैं। इसके बाद मगध महिला कॉलेज में 5, बीएन कॉलेज और पटना कॉलेज में 5-5, पटना साइंस कॉलेज और वाणिज्य महाविद्यालय में 3-3 बूथ बनाए गए हैं। दरभंगा हाउस में भी मतदान केंद्र बनाए गए हैं। कुल 19059 छात्र अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।
प्रेसिडेंशियल डिबेट में उम्मीदवारों ने रखी अपनी बात
गुरुवार को पटना साइंस कॉलेज में अध्यक्ष पद के उम्मीदवारों के बीच प्रेसिडेंशियल डिबेट हुआ, जिसमें विभिन्न छात्र संगठनों के प्रत्याशियों ने हिस्सा लिया। इस डिबेट में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP), एनएसयूआई, वाम दल, दिशा, एआईडीएसओ और छात्र राजद से जुड़े प्रत्याशी शामिल हुए। उन्होंने छात्रों के सामने अपनी-अपनी योजनाएं प्रस्तुत कीं। हालांकि, कुलपति इस डिबेट में शामिल नहीं हुए। डिबेट के बाद शाम 4 बजे चुनाव प्रचार समाप्त हो गया, अब प्रत्याशी केवल डोर-टू-डोर कैंपेन कर सकते हैं।
पटना विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव में अध्यक्ष पद के लिए कुल छह उम्मीदवार मैदान में हैं:
- मैथिली मृणालिनी (ABVP)
- मनोरंजन राजा (NSUI)
- विश्वजीत (AISA)
- ऋतिक रोशन (दिशा)
- लक्ष्मी कुमारी (AIDSO)
- प्रियंका कुमारी (छात्र राजद)
इसके अलावा, उपाध्यक्ष, महासचिव, संयुक्त सचिव और कोषाध्यक्ष पदों पर भी चुनाव हो रहे हैं।
सुरक्षा व्यवस्था कड़ी
पटना विश्वविद्यालय प्रशासन ने चुनाव के दौरान किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए व्यापक सुरक्षा इंतजाम किए हैं। पटना पुलिस की टीम लगातार विश्वविद्यालय परिसर में गश्त कर रही है। मतदान के दौरान भी अतिरिक्त पुलिस बल तैनात रहेगा।
क्या कहते हैं छात्र?
छात्रों में चुनाव को लेकर काफी उत्साह देखा जा रहा है। विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के छात्र-छात्राएं अपने पसंदीदा प्रत्याशियों को समर्थन दे रहे हैं। सभी को उम्मीद है कि यह चुनाव निष्पक्ष और शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न होगा।
अब सभी की निगाहें 29 मार्च को होने वाले मतदान पर टिकी हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस चुनाव में कौन जीतकर विश्वविद्यालय छात्र संघ का नेतृत्व करेगा।